सीने में दर्द सदैव दिल की बीमारी नहीं, इसे हल्के में लेना है बड़ी भूल

सच्चाई यही है कि शरीर कभी अचानक नहीं चिल्लाता। ये पहले फुसफुसाकर चेतावनी देता है। सीने का दर्द शरीर का वह संदेश है, जिसमें वह कहता है कि कहीं कुछ जाम है...

Update: 2025-12-03 12:42 GMT
सीने में दर्द के होते हैं कई कारण, ना करें अनदेखा
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सीने में भारीपन महसूस हो, जब अचानक हल्का दर्द उठे, चुभन लगे या दबाव जैसा अहसास हो तो दिमाग सबसे पहले दिल की बीमारी का नाम ले आता है। डर भी लगता है और यही डर कई बार सच भी होता है। लेकिन सच्चाई यह है कि सीने में दर्द केवल हार्ट अटैक के कारण नहीं होता। शरीर कई बार अलग-अलग वजहों से इस हिस्से में दर्द भेजता है, मानो SOS संदेश की तरह। परेशानी यह है कि कौन सा दर्द खतरे वाला है और कौन सा नहीं। इसी समझ के कारण आज हजारों जिंदगियां बच रही हैं। क्योंकि लोग अब सीने के दर्द को गंभीरता से पहचानना सीख रहे हैं।


सीने के दर्द के अलग कारण

सीने में दर्द हमेशा एक जैसा महसूस नहीं होता और हर तरह के दर्द का मतलब अलग होता है। कभी दबाव, कभी जलन, कभी तेज चुभन, कभी गैस जैसा ऐंठन। पर डॉक्टर बताते हैं कि महत्व सिर्फ दर्द नहीं बल्कि उसका पैटर्न होता है। यह दर्द दिल, फेफड़ों, पाचन तंत्र, मांसपेशियों या तनाव के कारण भी हो सकता है। दिल से जुड़े कारणों में हार्ट अटैक, एंजाइना, कोरोनरी आर्टरी में रुकावट, मायोकार्डाइटिस और पेरिकार्डाइटिस प्रमुख हैं। फेफड़ों की समस्याओं में पल्मोनरी एम्बोलिज्म, न्यूमोनिया, न्यूमोथोरैक्स और फेफड़ों में संक्रमण शामिल हैं।

पाचन तंत्र भी अक्सर छाती में दर्द भेजता है। जैसे, एसिडिटी, GERD, पित्ताशय की पथरी या इसोफेगस में ऐंठन। वहीं, मांसपेशियों और हड्डियों के दर्द में कंधों या सीने के जोड़ की सूजन, नसों का दबाव या मांसपेशियों का खिंचाव भी शामिल होते हैं। तनाव, चिंता और पैनिक अटैक में भी सीने में कसाव, घुटन और दबाव जैसा लगता है जबकि जांचों में दिल पूरी तरह सामान्य मिलता है।


ये हैं हार्ट अटैक के संकेत

खतरनाक संकेत हमेशा पहचान में आना जरूरी है। क्योंकि अनदेखी जानलेवा भी हो सकती है। अगर सीने के बीच में भारीपन या दबाव पांच से दस मिनट से ज्यादा रहे, दर्द बाएं हाथ, जबड़े, कंधे या पीठ में फैलने लगे, सांस फूलने लगे, चक्कर आएं, ठंडा पसीना आए, मतली महसूस हो, कमजोरी लगे या साधारण गतिविधि से भी दर्द बढ़ जाए तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचना सबसे सही कदम है। क्योंकि 20 से 25 मिनट की देरी भी जिंदगी और मृत्यु के बीच फर्क पैदा कर सकती है।



शरीर की चेतावनी के समझें

कुछ सीने के दर्द इतने खतरनाक नहीं होते। लेकिन उन्हें भी उपेक्षित करना समझदारी नहीं होती। गैस, रीफ्लक्स, भोजन के तुरंत बाद होने वाला दर्द, मांसपेशियों के खिंचाव से होने वाला दर्द या तनाव के कारण महसूस हुआ कसाव अधिकांश मामलों में दवाई या आराम से कम भी हो सकता है। लेकिन इसका कभी भी यह अर्थ नहीं कि कारण जाने बिना कोई दर्द सामान्य मान लिया जाए। शरीर चेतावनी हमेशा कारण के साथ भेजता है और उस कारण को पहचानना अनिवार्य है।



रिसर्च से समझें

ताज़ा वैज्ञानिक शोध इस विषय पर बहुत स्पष्ट हैं। American Heart Association की 2024 स्टडी बताती है कि 22 प्रतिशत हार्ट अटैक के मामलों में दर्द केवल सीने में नहीं था, बल्कि बांह, पीठ, गर्दन और जबड़े में महसूस हुआ था। Harvard Health की 2025 रिपोर्ट में पाया गया कि 41 प्रतिशत मरीजों ने हार्ट अटैक के शुरुआती संकेतों को एसिडिटी समझकर नजरअंदाज किया था।

साथ ही Mayo Clinic के 2024 मल्टीसेंटर एनालिसिस में पाया गया कि तनाव और पैनिक अटैक में महसूस हुए सीने के दर्द में ECG और Echo सामान्य होता है, लेकिन दर्द की अनुभूति हार्ट अटैक जैसी होती है। इसलिए चाहे कारण शारीरिक हो या मानसिक, समाधान डॉक्टर की जांच के बाद ही तय होता है, अंदाज़ से नहीं।


उपचार की सही विधि

सीने में दर्द होने पर सबसे सही तरीका यह है कि घर पर घरेलू उपाय करने, इंटरनेट पर खोजने या दर्द सहते रहने की बजाय तुरंत ECG, Troponin टेस्ट और डॉक्टर की जांच करवाई जाए। ये तीन कदम 15 से 20 मिनट में तय कर देते हैं कि मामला दिल से जुड़ा है या नहीं। इसके बाद इलाज कारण के मुताबिक शुरू होता है, अनुमान के आधार पर नहीं।

अंत में सच्चाई यही है कि शरीर कभी अचानक नहीं चिल्लाता। वह पहले फुसफुसाकर चेतावनी देता है। सीने का दर्द शरीर का वह संदेश है, जिसमें वह कहता है कि कहीं कुछ जाम है, चाहे खून की नसों में, फेफड़ों में, पाचन तंत्र में या दिमाग पर बोझ में। दर्द न अच्छा होता है, न बुरा। दर्द सिर्फ सच्चा होता है। और जो लोग इस सच्चाई को समय रहते सुन लेते हैं, वे बीमारी से नहीं डरते बल्कि बीमारी उन्हें दूर से देखकर निकल जाती है।



डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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