मात्र कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक का कारण नहीं, रिसर्च में सामने आई ये बात
भारत में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इंडियन हार्ट एसोसेशियन के अनुसार, भारतीय लोग वेस्ट की तुलना में 10–15 साल पहले हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं..;
Heart Care : आज तक हम हार्ट अटैक को कोलेस्ट्रॉल, खराब डाइट, स्मोकिंग और हाई ब्लड प्रेशर से जोड़कर देखते आए थे। लेकिन हालही अमेरिकन हार्ट एसोसेशियन (Journal of the American Heart Association (6 अगस्त 2025) में प्रकाशित एक इंटरनेशनल स्टडी ने चौंकाने वाला सच सामने रखा है कि खराब ओरल हाइजीन भी दिल की बीमारी और अचानक होने वाले घातक हार्ट अटैक का बड़ा कारण हो सकती है।
कैसे बढ़ता है खतरा?
फिनलैंड और यूके के शोधकर्ताओं ने 121 लोगों के कोरोनरी प्लैक्स (coronary plaques ) और 96 मरीजों के धमनी के नमूनों (artery samples) की जांच की। इसमें चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। लगभग आधे मामलों में बैक्टीरिया का डीएनए मिला और इनमें सबसे कॉमन थे विरिडांस स्ट्रेप्टोकोकी( Viridans Streptococci ) बैक्टीरिया, जो हमारे मुंह में पाए जाते हैं।
ये बैक्टीरिया धमनियों की दीवारों में बनने वाले ब्लॉकेज (atherosclerotic plaques) के अंदर जाकर चिपक जाते हैं और बायोफिल्म्स (biofilms )यानी चिपचिपी बैक्टीरियल कॉलोनी बना लेते हैं। समस्या ये है कि ये biofilms शरीर की इम्यून सिस्टम की पकड़ से बाहर रहते हैं।
जब ये प्लैक्स अचानक फटते हैं तो बैक्टीरिया के कण खून में रिलीज होकर रोग प्रतिरोधक क्षणता को सक्रिय करते हैं। इससे धमनियों की दीवारों में गंभीर सूजन होने लगती है, जो अचानक हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। लैब टेस्ट्स में भी यही सामने आया कि ये बैक्टीरिया TLR2 (Toll-like receptor 2) नामक सिग्नलिंग पाथवे को एक्टिवेट करते हैं, जिससे धमनी की सूजन और बढ़ जाती है।
भारत में क्यों है यह चिंता और गहरी?
भारत में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इंडियन हार्ट एसोसेशियन ( Indian Heart Association) के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय लोग पश्चिमी देशों की तुलना में 10–15 साल पहले हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं। खासकर 40 साल से कम उम्र में हार्ट अटैक की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
दूसरी तरफ ओरल हेल्थ यानी मुंह की साफ-सफाई की स्थिति भी चिंताजनक है। नेशनल ओरल हेल्थ सर्वेक्षण (National Oral Health Survey -2021) के अनुसार, भारत में 60% से ज्यादा लोग मसूड़ों की बीमारी (gum disease) से जूझते हैं और 50% से ज्यादा लोगों में कैविटी पाई जाती है। तंबाकू और पान-मसाला जैसी आदतें इस स्थिति को और बिगाड़ती हैं। इसका सीधा असर दिल की सेहत पर भी पड़ सकता है।
क्यों जरूरी है ओरल हाइजीन?
ये रिसर्च साफ कहती है कि अगर हम सिर्फ कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल पर ध्यान देंगे और दांतों की सफाई को नज़रअंदाज करेंगे तो हार्ट अटैक का खतरा बरकरार रहेगा। सही ओरल हाइजीन से न सिर्फ कैविटी और मसूड़ों की बीमारी से बचा जा सकता है। बल्कि धमनी में बैक्टीरिया के खतरनाक बायोफिल्म बनने से भी रोका जा सकता है।
कैसे रखें मुंह की सेहत दुरुस्त?
दिन में दो बार 2 मिनट तक ब्रश करें और जीभ की सफाई करें।
दांतों के बीच की सफाई के लिए फ्लॉस या वॉटर फ्लॉसर का इस्तेमाल करें।
मीठे और चिपचिपे खाने की मात्रा सीमित रखें।
हर 3–4 महीने में टूथब्रश बदलें।
साल में कम से कम एक बार डेंटिस्ट से चेकअप कराएं।
तंबाकू और पान-मसाला जैसी चीजों से बचें।
हार्ट अटैक को लेकर यह नई खोज एक हृदय की सेहत पर मंडराते खतरे की घंटी है। अब केवल कोलेस्ट्रॉल और लाइफस्टाइल फैक्टर्स पर ध्यान देना पर्याप्त नहीं होगा। बल्कि दैनिक जीवन में ओरल केयर भी उतनी ही आवश्यक है। साफ दांत और स्वस्थ मसूड़े, आपके हृदय को भी लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।