कोरोना गया नहीं और नई महामारी ने दी आहट! आशंका से चिंता में वैज्ञानिक

अभी तक HKU5-CoV-2 वायरस के मानव मामलों की पुष्टि नहीं हुई है। परंतु इसमें इंसानों को संक्रमित करने की पूरी क्षमता है। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि...;

Update: 2025-06-10 20:49 GMT
मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) परिवार से जुड़ा है HKU5 वायरस।

कोविड-19 की मार से दुनिया अभी पूरी तरह उबरी भी नहीं है कि वैज्ञानिकों ने एक और वायरस को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। HKU5 वायरस, जो मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) परिवार से जुड़ा है, तेजी से वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय की चिंता का विषय बनता जा रहा है। ताजा अध्ययन दर्शाते हैं कि यदि इस वायरस में कुछ और जेनेटिक बदलाव (म्यूटेशन) होते हैं, तो यह इंसानों में फैलने की पूरी क्षमता रखता है और यह कोरोना वायरस की तरह अगली महामारी का कारण बन सकता है। 

कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है यह वायरस!

HKU5 वायरस, जो फिलहाल जानवरों विशेषकर चमगादड़ों में पाया गया है, ये इंसानी कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए उसी रिसेप्टर (ACE2) का उपयोग करता है, जिसका उपयोग SARS-CoV-2 यानी कोरोना वायरस करता है। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि यदि यह वायरस इंसानों के ACE2 रिसेप्टर से जुड़ने में सक्षम हो गया तो यह तेज़ी से मानव समुदाय में फैल सकता है।

अमेरिकी और चीनी शोध संस्थानों की रिपोर्ट

वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के शोधकर्ताओं ने पाया कि मेरबेकोवायरस नामक वायरस समूह के अंदर का HKU5 उपप्रकार एक विशेष खतरा बना हुआ है। वहीं, चीन के एक अध्ययन में इसे मिंक जैसे जानवरों को संक्रमित करते पाया गया है, जिससे आशंका है कि यह अब जानवरों से इंसानों तक पहुंचने के चरण में है।

क्यों दिख रहा है इसका खतरा?

अभी तक HKU5-CoV-2 वायरस के मानव मामलों की पुष्टि नहीं हुई है। परंतु विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें इंसानों को संक्रमित करने की पूरी क्षमता है। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि इसका संरचनात्मक विश्लेषण बताता है कि यह वायरस श्वसन तंत्र और आंतों पर हमला कर सकता है। और अगर यह फैलता है तो गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकता है।

मर्स वायरस की तुलना में कितना खतरनाक है?

याद दिला दें कि MERS-CoV वायरस की मृत्यु दर लगभग 34% थी, जो कि कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) से कहीं ज्यादा है। अगर HKU5 वायरस में भी इसी तरह की जीन संरचना सक्रिय हो जाती है तो यह एक "साइलेंट थ्रेट" बन सकता है, जो किसी भी समय महामारी का रूप ले सकता है।

क्या सच में आ सकती है एक नई महामारी?

वैश्विक विशेषज्ञों का मानना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि HKU5 वायरस एक महामारी का कारण बनेगा। हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह साफ कर दिया है कि इस वायरस की निरंतर निगरानी और म्यूटेशन पर ध्यान देना अनिवार्य है। ताकि हम किसी संभावित संकट से पहले ही सचेत हो सकें।

HKU5 वायरस फिलहाल मनुष्यों के लिए सीधा खतरा नहीं है। लेकिन इसका लगातार म्यूटेशन और जानवरों से इंसानों तक पहुंचने की क्षमता इसे एक संभावित वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बना रही है। कोविड-19 के अनुभव को देखते हुए, विशेषज्ञ अब किसी भी नए वायरस के उभरने को हल्के में नहीं ले रहे हैं। जागरूकता और निगरानी ही इसका पहला बचाव हैं।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। डर या भ्रम फैलाना इसका उद्देश्य नहीं है।

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