सर्दी में सुबह के समय हार्ट अटैक होने के ये हैं मुख्य कारण, जानें बचाव
दिल की सेहत केवल उपचार पर नहीं बल्कि दैनिक जीवन की छोटी-छोटी आदतों पर टिकी है, जिन्हें हम अक्सर “सामान्य” मानकर अनदेखा कर देते हैं...
सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक के केस आमतौर पर अधिक देखने को मिलते हैं। और इनमें भी विशेष रूप से सुबह के समय हार्ट अटैक होना सबसे अधिक देखने को मिलता है। एक समय था, जब 50 से अधिक उम्र के लोगों को इस विषय में सावधानी बरतने का परामर्श दिया जाता था। लेकिन अब तो किसी भी उम्र में हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे में आपको सुबह के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आप इस जानलेवा समस्या से बच सकें, इसी विषय में यहां बताया गया है...
सर्दियों में (Winter Season) सुबह हार्ट अटैक की घटनाएं सबसे अधिक देखने को मिलती हैं। ऐसा निम्न वैज्ञानिक कारणों से होता है...
ठंड में रक्त नलियां 20–30% तक सिकुड़ जाती हैं (Cold-induced vasoconstriction) और दिल पर स्ट्रेन बढ़ जाता है।
सर्दियों में BP स्वाभाविक रूप से 5–10 mmHg बढ़ जाता है। यह सुबह के high BP surge को और खतरनाक बना देता है।
Platelets ठंड में और चिपचिपे हो जाते हैं, जिससे सुबह क्लॉट बनने का खतरा दोगुना हो जाता है।
सर्दियों में संक्रमणों (flu, viral) का असर अधिक होता है और ये शरीर में सूजन बढ़ाकर आर्टरीज़ को संवेदनशील बनाते हैं। साथ ही Plaque rupture का जोखिम बढ़ाते हैं।
भारत में हार्ट अटैक
भारत के संदर्भ में बात करें तो ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) सहित कई अन्य कार्डिएक सेंटर्स के डेटा के अनुसार, नवंबर से जनवरी के बीच हार्ट अटैक 25–35% तक बढ़ जाते हैं। और इनमें से 40% केस सुबह 4–10 बजे के बीच आते हैं।
सुबह हार्ट अटैक ज्यादा क्यों होते हैं? (Research-Based Explanation)
अगर आपने कभी सोचा हो कि आख़िर 5–10 बजे सुबह के बीच हार्ट अटैक के केस क्यों अचानक बढ़ जाते हैं, तो इसका जवाब हमारे शरीर के बायलॉजिकल घड़ी के अंदर छिपा है। कई बड़े अध्ययनों, जैसे Circulation, Journal of the American College of Cardiology (JACC) और European Heart Journal ने यह दिखाया है कि सुबह का समय दिल के लिए सबसे संवेदनशील होता है। कार्डियोलॉजी के वैश्विक और भारतीय दोनों डेटा को मिलाकर देखें तो जवाब बहुत स्पष्ट है कि आखिर सुबह के समय हार्ट अटैक अधिक होने का कारण क्या है...
1. सुबह Cortisol और Adrenaline अचानक बढ़ जाते हैं
जैसे ही सुबह जागने का समय आता है, शरीर में Cortisol 30–50% तक बढ़ जाता है। साथ ही Adrenaline भी spike करता है। ये दोनों हार्मोन दिल की धड़कन तेज़ करते हैं। ब्लड प्रेशर अचानक ऊपर ले जाते हैं और रक्त की नलियों पर दबाव बढ़ाते हैं। इस अचानक हुए बदलाव से दिल पर स्ट्रेन अचानक बढ़ जाता है और जोखिम बढ़ता है कि किसी भी ब्लॉक्ड आर्टरी में क्लॉट फट जाए और अटैक हो जाए।
2. ब्लड प्लेटलेट्स सुबह सबसे ज़्यादा चिपचिपे होते हैं
सिर्फ हार्मोन ही नहीं बल्कि सुबह platelet aggregation (platelets का चिपकना) सबसे ज़्यादा होता है। JACC 2018 के अनुसार, सुबह platelets की चिपचिपाहट 30% तक बढ़ जाती है। इससे ब्लड क्लॉट बनने का रिस्क बहुत बढ़ जाता है अगर आर्टरी पहले से संकरी हो, बस थोड़ी सी चिपचिपाहट भी अटैक ट्रिगर कर सकती है।
3. सुबह ब्लड प्रेशर “Morning Surge” दिखाता है
इसे कार्डियोलॉजी में Morning Blood Pressure Surge कहा जाता है। यह surge रात की तुलना में 20–25 mmHg तक बढ़ सकता है। High BP वाले लोगों में यह बढ़ोतरी और भी तेज़ होती है। BP में यह उछाल दिल की आर्टरीज़ पर जोर डालता है।
4. रातभर शरीर Dehydrated हो जाता है
सुबह उठते समय शरीर हल्का निर्जलित रहता है, जिससे रक्त गाढ़ा हो जाता है। क्लॉट बनने की संभावना बढ़ती है। हार्ट पंप करने में ज़्यादा मेहनत करता है।
5. दिल और खून की नलियाँ सुबह सबसे “stiff” स्थिति में होती हैं
Multiple studies बताते हैं कि सुबह vascular stiffness सबसे ज़्यादा होती है। नलियाँ कम लोचदार रहती हैं, इससे ब्लड फ्लो का प्रतिरोध बढ़ जाता है, यह स्ट्रेन दिल को Extra Pressure में डाल देता है। किस मौसम में सुबह के समय हार्ट अटैक सबसे ज्यादा होते हैं?
गर्मी के मौसम में हार्ट की स्थिति में क्या अलग होता है?
हालांकि गर्मियों में डिहाइड्रेशन (dehydration) अधिक होता है। लेकिन सुबह हार्मोनल स्पाइक और ब्लड प्रेशर surge platelet aggregation,इन सबका प्रभाव सर्दियों जितना खतरनाक नहीं होता। इसलिए सुबह-सुबह सबसे अधिक हार्ट अटैक ठंड के मौसम में आते हैं।
संक्षेप में कहें तो सर्दी में सुबह के समय हार्ट अटैक अधिक होने कारण होता है कि सुबह 4–10 बजे शरीर की बायलॉजिकल घड़ी ऐसे सेट होती है कि Cortisol और BP बढ़ते हैं। साथ ही Platelets चिपचिपे होते हैं और रक्त वाहिकाएं टाइट होती हैं, जिससे दिल पर स्ट्रेन अचानक बढ़ जाता है और सर्दियों में यह पूरा सिस्टम और अधिक आक्रामक हो जाता है।
मॉर्निंग हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
खाली पेट चाय-कॉफी का सेवन करने से बचें। मुख्य रूप से वे लोग इसका अधिक ध्यान रखें, जिनको पहले से बॉर्डर लाइन बीपी की समस्या है।
अधिक सर्दी में यदि चाय-कॉफी लेनी ही है तो साथ में सूजी के रस्क, आटे के बिस्किट या कुकीज इत्यादि अवश्य लें ताकि कैफीन के प्रभाव को संतुलित किया जा सके।
बिस्तर से उठते समय ध्यान रखें ये बात
अलार्म बजते ही झटके से उठकर बैठ जाना अधिकांश लोगों की आदत होती है। लेकिन रातभर स्थिर पड़े शरीर से अचानक “बैठने” की मुद्रा में आना हृदय के लिए कठिन संक्रमण होता है। तुरंत बैठने पर हृदय को रक्त प्रवाह सही रखने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए सलाह है कि कुछ क्षण बिस्तर पर रिलैक्स रहें, हल्का खिंचाव करें और फिर धीरे-धीरे उठें। इससे हार्ट को शिथिल बॉडी से ऐक्टिव बॉडी मोड में बदलाव करने में आसानी होती है और रक्त प्रवाह संतुलित रहता है।
सुबह के समय थकान रहना
यदि सुबह उठते ही थकान बने रहना आपकी प्रतिदिन की समस्या है तो इसे “सामान्य आलस्य” समझकर टालना ठीक नहीं है। क्योंकि यह थकान इस बात का संकेत हो सकती है कि शरीर के अंदर कहीं कोई व्यवधान है। इस अवस्था में हृदय पूरे दिन ऊर्जा बनाए रखने के लिए अतिरिक्त मेहनत करता है, जिससे हार्ट पर हर समय दबाव बना रहता है।
सुबह की आदतें सुधारें, दिल को लंबे समय तक सुरक्षित रखें
छोटी-छोटी आदतें, जैसे संतुलित नाश्ता, देर रात तक मोबाइल ना देखना, खाली पेट कैफीन से बचना, सुबह उठते समय शरीर को समय देना और थकान के संकेत को गंभीरता से लेना, जैसी छोटी और जरूरी आदतें हृदय को अनावश्यक दबाव से बचाती हैं। जब आप हर दिन सुबह के दैनिक जीवन से जुड़ गलतियां सुधारते हैं तो आप अपने हृदय की सेहत की नींव मजबूत करते हैं।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।