ENG vs IND: पिच, प्रेशर और प्लान की हार, लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया नाकाम
लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 170 रन पर ऑलआउट हो गई। इंग्लैंड अब 5 टेस्ट मैचों की 2-1 की बढ़त पर है।;
ऐतिहासिक लॉर्ड्स के मैदान पर खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया को 22 रनों से हार का सामना करना पड़ा। 193 रनों के छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम महज 170 रनों पर ढेर हो गई। इस हार के साथ इंग्लैंड ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में 2-1 की बढ़त बना ली है। भारत की इस हार में कई फैक्टर ज़िम्मेदार रहे, लेकिन सबसे बड़ी चूक बल्लेबाज़ी क्रम में दिखी। आइए जानते हैं किन 5 वजहों से यह टेस्ट भारत के हाथ से निकल गया।
दूसरी पारी में टॉप ऑर्डर का फेल होना
भारत की दूसरी पारी की शुरुआत बेहद खराब रही। शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल, जिन्होंने पिछले मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था, इस टेस्ट में दोनों पारियों को मिलाकर सिर्फ 39 रन ही जोड़ सके। करुण नायर का खराब फॉर्म भी जारी रहा। ऐसे में सारा दारोमदार राहुल, जडेजा और पंत पर आ गया। हालांकि राहुल (100, 39) और जडेजा (72, 61) ने संघर्ष किया, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें कोई साथ नहीं मिला।
पहली पारी की गलतियों ने किया नुकसान
पहली पारी में भारत मजबूत स्थिति में था। 376/6 का स्कोर बोर्ड पर था। लेकिन इसके बाद महज 11 रन के भीतर पूरी पारी सिमट गई। आखिरी चार विकेट 11 रन में गिर जाना टेस्ट क्रिकेट में बड़ी चूक मानी जाती है। दूसरी पारी में भी भारत ने 58/4 से शुरुआत की और पांचवें दिन पहले सेशन में ही तीन और विकेट खो दिए। 112/8 के स्कोर पर हार की पटकथा लगभग तय हो गई थी।
जोफ्रा आर्चर का कहर
करीब चार साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने वाले जोफ्रा आर्चर ने भारत के खिलाफ ज़बरदस्त प्रभाव डाला। पहली पारी में उन्होंने यशस्वी को जल्द चलता किया। दूसरी पारी में उन्होंने तीन अहम विकेट यशस्वी, पंत और वॉशिंगटन सुंदर अपने नाम किए। खास बात यह रही कि आर्चर ने मैच में कुल पांच विकेट लिए और सभी विकेट बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के थे। यही कारण रहा कि उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया।
पिच का मिज़ाज हुआ कठिन
लॉर्ड्स की पिच ने हर दिन नया रूप दिखाया। पहले दिन जहां हर 63 रन पर एक विकेट गिरा, वहीं पांचवें दिन यह आंकड़ा गिरकर 14 रन प्रति विकेट हो गया। यानी जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, बल्लेबाज़ी और कठिन होती गई। ऐसे में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का इंग्लैंड का फैसला गेम-चेंजर साबित हुआ।
सिराज का दुर्भाग्य
भारतीय पारी का अंतिम चरण बहुत ही नाटकीय रहा। बुमराह और जडेजा ने 112/8 के बाद संघर्ष जारी रखा। बुमराह ने 54 गेंदों पर 5 रन बनाकर समय बिताया, जिससे स्कोर 147 तक पहुंचा। इसके बाद मोहम्मद सिराज ने भी 30 गेंदों का सामना किया। लेकिन दुर्भाग्य से एक गेंद उनके पैर से टकराकर स्टंप्स पर जा लगी और भारत की पारी 170 पर सिमट गई।
टीम इंडिया की इस हार ने यह साबित कर दिया कि टेस्ट क्रिकेट में हर छोटे पल का बड़ा असर होता है। अब भारत के सामने सीरीज में बराबरी करने की चुनौती है। टॉप ऑर्डर की नाकामी और पहली पारी में मौके गंवाना भारी पड़ा। चौथा टेस्ट अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचने से पहले भारत के लिए ‘करो या मरो’ जैसा होगा।