Leads Test: लोअर ऑर्डर बना भारत की हार का कारण, कमजोरियों की खुली पोल
लीड्स टेस्ट में भारत को इंग्लैंड से 5 विकेट से हार मिली। निचले क्रम की कमजोर बल्लेबाजी फिर उजागर हुई। भारत सीरीज में अब 0-1 से पीछे है।;
Eng vs Ind First Test Match: लीड्स टेस्ट में भारतीय टीम को इंग्लैंड के हाथों 5 विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी। इस हार के साथ ही भारत सीरीज में 0-1 से पिछड़ गया है। अब दूसरा टेस्ट 2 जुलाई से एजबेस्टन में खेला जाएगा, जहां टीम इंडिया पिछली गलतियों से सबक लेकर मजबूत वापसी की कोशिश करेगी।
लीड्स में भारत की हार की एक प्रमुख वजह रही निचले क्रम का लगातार फ्लॉप प्रदर्शन। पहली पारी में भारत ने अपने अंतिम 7 विकेट सिर्फ 41 रनों के भीतर गंवा दिए, जबकि दूसरी पारी में आखिरी 6 विकेट 31 रन पर गिर गए। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत और केएल राहुल को छोड़ दें, तो शेष सात बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में मिलाकर केवल 95 रन ही जोड़े। अगर निचले क्रम के बल्लेबाजों ने थोड़ा और योगदान दिया होता, तो भारत इंग्लैंड को 400 से अधिक रनों का लक्ष्य दे सकता था।
2024 से कमजोर पड़ता निचला क्रम
2024 से अब तक के टेस्ट आंकड़े बताते हैं कि भारतीय टीम का निचला क्रम उसकी सबसे कमजोर कड़ी बन चुका है। इस साल 9 मौकों पर भारत के अंतिम 5 विकेटों ने मिलकर 50 से कम रन जोड़े हैं। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की बाकी 8 टीमों के लिए यह आंकड़ा सिर्फ 7 बार का है। भारत के अंतिम 5 विकेटों का औसत मात्र 18.93 रहा है जो WTC की सभी टीमों में सबसे खराब है।
तेज गेंदबाजों की बल्लेबाजी भी चिंता का विषय
भारत के सात तेज गेंदबाजों ने इस अवधि में नंबर 7 से नीचे बल्लेबाजी की है, लेकिन उनका औसत महज़ 5.8 रहा। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाजों का फर्स्ट क्लास बैटिंग एवरेज 10 से भी कम है। दूसरी ओर इंग्लैंड के वोक्स (31.52), ब्रायडन कार्स (29.73) और जोश टंग (14.73) जैसे तेज गेंदबाज उपयोगी रन बना रहे हैं। लीड्स टेस्ट में 8, 9 और 10 नंबर पर अहम भूमिका निभा चुके हैं।
तुलनात्मक गिरावट और जरूरी सुधार
2024 से भारत के अंतिम चार विकेटों का औसत 17.79 है, जबकि अंतिम तीन विकेटों का औसत 25.77 है जो श्रीलंका के बाद सबसे खराब प्रदर्शन है। 2020 से अब तक टेस्ट क्रिकेट में ऐसे तेज गेंदबाज जिनके पास 20 से अधिक विकेट और 10+ की बैटिंग एवरेज है, उनमें भारत नीचे से तीसरे नंबर पर है अब सिर्फ श्रीलंका और अफगानिस्तान ही पीछे हैं।
इन आंकड़ों से साफ है कि भारतीय टीम को सिर्फ टॉप ऑर्डर नहीं बल्कि लोअर ऑर्डर की बल्लेबाजी को भी मजबूत करने की जरूरत है। तेज गेंदबाजों को ऑलराउंडर के तौर पर विकसित करना और चयन में संतुलन लाना अब जरूरी हो गया है। जब तक भारतीय टीम अपने निचले क्रम को भरोसेमंद नहीं बनाती तब तक विदेशी ज़मीन पर टेस्ट जीतना चुनौती बना रहेगा।