हर कोई जानना चाहता है कि आखिर कब होगा प्रदूषण कम, जानिए इस रिपोर्ट से
ठंडा मौसम और मंद हवा की वजह से प्रदूषण के कण वायुमंडल में धरती की सतह के करीब हैं, जिसकी वजह से दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कोहरा भी छा रहा है.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-11-19 10:28 GMT
Air Pollution : दिल्ली में पिछले 3 दिनों से स्मोग की घनी चादर छाई हुई है, जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक की श्रेणी को पार कर चुका है. आलम ये है कि अधिकतर लोगों ने घरों से बाहर निकलना भी बंद कर दिया है. सबके मन में बस एक ही सवाल है कि आखिर इस प्रदूषण से निजात कब मिलेगी? इस पर मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि कम से कम 3 से 4 दिन तक ऐसा ही रहेगा.
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 3-4 दिन स्मॉग दिल्ली-NCR के आसमान में छाया रहेगा. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी कुछ ऐसा ही हाल रहेगा.
दिल्ली में मंगलवार को भी AQI रहा 450 के पार
दिल्ली में मंगलवार को भी स्मोग की चादर देखने को मिली. हालाँकि सोमवार के मुकाबले मंगलवार को AQI में मामूली सुधार रहा लेकिन फिर भी ये 450 के पार ही रहा. दिल्ली का औसत प्रदूषण का स्तर 488 पर रहा. .
3 से 4 दिन ऐसे ही बने रहेंगे हालत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मौसम विभाग के साइंटिस्टों का कहना है कि "दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में घना कोहरा आने वाले 3-4 दिन तक छाया रहेगा. मौसम इसी प्रकार बना रहेगा, इसमें कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और यूपी में सुबह और रात को घना कोहरा छाया रहेगा. हवा की गति भी इसी तरह की बनी रहेगी. पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव आने की भी फ़िलहाल कोई संभावना नहीं है."
सोमवार को दिल्ली का AQI रहा 500 के पार
सोमवार की बात करें तो AQI 500 के पार रहा था, इसके अलावा सोमवार की रात इस मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज की गयी. पारा 16.2 डिग्री सेल्सियस से घटकर 12.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. CPCB ( केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ) के आंकड़े के अनुसार, सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 488 दर्ज किया गया.
दिल्लीवासियों का सांस लेना हुआ मुश्किल
दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को पहली बार ‘अत्यंत गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई, जिसके कारण अगली सुबह ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण चार के तहत कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करना पड़ा. इन उपायों के तहत आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-छह डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, निर्माण और तोड़ फोड़ की गतिविधियों पर पाबंदी तथा स्कूलों को बंद करना शामिल है.
मंद हवा से बढ़ रहा है प्रदूषण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ठन्डे मौसम के बीच मंद उत्तर पश्चिमी हवा के कारण प्रदूषक तत्व हवा में ही फंस गए हैं. "तापमान में गिरावट के कारण ठंडी हवाएं चल रही हैं. इसकी वजह से प्रदूषण सतह के करीब आ रहा है. अगर हवा की गति नहीं बढ़ती है तो प्रदूषण में सुधार होने की संभावनाएं नहीं है. हालाँकि स्काईमेट की तरफ से ये आशंका जताई गयी है कि इस वीकेंड पर बारिश हो सकती है, ऐसा होने पर प्रदूषण में भी कमी आएगी.