स्मोकिंग करते नहीं फिर भी हांफने लगा फेफड़ा, प्रदूषण की बीमारी लाइलाज

दिल्ली और एनसीआर के लोग इस समय जहरीली हवा में जी रहे हैं। सरकारों की तरफ से पिछले वादे की तरह एक और वादा। सवाल ये है कि इसका इलाज क्या है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-10-23 07:35 GMT

Delhi NCR Pollution News:  हर साल अक्टूबर महीना के आते ही दिल्ली और एनसीआर बीमार होने लगती है। दिल्ली-एनसीआर की हवाओं को प्रदूषण अपनी गिरफ्त में ले लेता है। सुबह उठते ही हम सब वायु गुणवत्ता सूचकांक देखते हैं कि हवा कितनी और जहरीली हुई। फिर अपने अपने इलाकों की तस्वीर देखते हैं। इस तरह की तस्वीर साल 2024 या 2023 की नहीं है दशकों से चलती आ रही है। सरकार किसी की भी हो दोष देने का काम एक जैसा। सरकारी एजेंसियां दावे तो बड़ी बड़ी करती हैं। लेकिन नतीजा सिफर। हालात ये है कि ऐसे लोग जो स्मोकिंग नहीं करते हैं वो भी 4 से 6 सिगरेट के बराबर धुआं अपने फेफड़ों में भर रहे हैं। यानी कि उनकी परेशानी की वजह स्मॉग है हालांकि पहले एयर क्लाविटी इंडेक्स को समझने की जरूरत है।

दिल्ली- एनसीआर का हाल एक जैसा

23 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 363 था। धुंध की मोटी परत छाई रही। जहांगीरपुरी स्थित निगरानी स्टेशन ने 418 पर "गंभीर" AQI सूचकांक दर्ज किया। विवेक विहार में रीडिंग 407 और आनंद विहार में 402 थी। दिल्ली में प्रदूषण रीडिंग सुबह 9 बजे सोनिया विहार में AQI 398 पर "गंभीर" श्रेणी के करीब था। वजीरपुर में यह 396 था। कुल मिलाकर, शहर का AQI 363 रहा।शहर में धुंध की मोटी परत छाई हुई थी, क्योंकि लगभग सभी निगरानी स्टेशन रेड जोन में आ गए थे, और कई इलाके केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रंग-कोडित चेतावनियों के मैरून जोन में चले गए थे।

0 से 50 के बीच का AQI 'अच्छा', 51 से 100 'संतोषजनक', 101 से 200 'मध्यम', 201 से 300 'खराब', 301 से 400 'बहुत खराब' और 401 से 500 'गंभीर' माना जाता है। अब इस रीडिंग के जरिए अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल्ली एनसीआर के लोग प्रदूषण के गंभीर स्तर का सामना कर रहे हैं। 

उपाय, जो जमीन पर नजर नहीं आता

दिल्ली अब प्रदूषण-रोधी उपाय ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण में है।कई प्रतिबंध लागू हैं। यदि प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा तो स्कूलों को बंद करने सहित अन्य उपाय लागू किए जा सकते हैं।इस बीच, बुधवार को न्यूनतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत से तीन डिग्री कम है। सुबह 8 बजे आर्द्रता का स्तर 83 प्रतिशत था। सुप्रीम कोर्ट में पराली के मुद्दे पर सुनवाई हुई। उस सुनवाई में जजों की पीठ ने हरियाणा और पंजाब सरकार को जमकर झिड़की लगाई। पीठ ने कहा कि आप लोगों की कोशिश सिर्फ छलावा है। बता दें कि पराली जलाए जाने के मुद्दे पर हरियाणा सरकार ने कानून व्यवस्था की दलील देते हुए किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने से असमर्थता जताई थी। हालांकि 20 के करीब कर्मचारियों को ड्यूटी में लापरवाही के मद्देनजर निलंबित कर दिया था।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वाकई कानून लागू करने में दिलचस्पी रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो होना ही चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव से कहा कि करीब 1080 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन आपने सिर्फ 473 लोगों से मामूली जुर्माना वसूला है। आप 600 या उससे ज्यादा लोगों को छोड़ रहे हैं। हम आपको साफ-साफ बता दें कि आप उल्लंघनकर्ताओं को यह संकेत दे रहे हैं कि उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाएगा। यह पिछले तीन सालों से हो रहा है।

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