राजनितिक परिस्थितियों के अनुसार बदलता गया आतिशी का सरनेम
आतिशी मार्लेना ने पहला चुनाव इसी नाम के साथ लड़ा लेकिन अपने दूसरे चुनाव में ये सिंह सरनेम लगाया गया और अब जब वो दिल्ली की मंत्री बन गयीं और मुख्यमंत्री भी चुन ली गयीं हैं तो वो सिर्फ आतिशी ही रह गयी हैं.
What's in the surname : दिल्ली की नवघोषित मुख्यमंत्री आतिशी की एक समाजसेवक से राजनीती में आने और फिर एक कार्यकर्त्ता से विधायक, मंत्री और अब मुख्यमंत्री बनने की कहानी जितनी दिलचस्प है, उतनी ही दिलचस्प उनके नाम की कहानी भी है. कैसे आतिशी मार्लेना से आतिशी सिंह बनी और आज के समय में सिर्फ आतिशी. समय के साथ साथ आतिशी ने अपने नाम के साथ लगने वाले सरनेम का इस्तेमाल भी समय और राजनीती को देखते हुए किया. देखते हैं आतिशी ने कब कब अपने सरनेम को कैसे बदला और क्यों बदला.
आतिशी शादीशुदा हैं और उनके पति का नाम प्रवीन सिंह है. प्रवीन ने दिल्ली आईआईटी से इंजीनियरिंग की है और उसके बाद आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए. प्रवीन ने कुछ वर्षों तक कॉर्पोरेट सेक्टर में काम किया हुआ है और वो यूएस में भी नौकरी कर चुके हैं, लेकिन प्रवीन का मन समजा सेवा विशेष तौर पर पिछड़े गाँव के सुधर में लगा रहता, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ कर समाज सेवा करना शुरू कर दिया. प्रवीन सिंह लाइम लाइट से दूर रहते हैं और सार्वजनिक जीवन में वो मीडिया के सामने नहीं आते.