बास्केट बॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी की मौत: शिकायतें अनसुनी, टूटा खेल विभाग का सिस्टम

CCTV में कैद हादसे के बाद परिवार ने खेल विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। कहा कोच ने 10 बार चेतावनी दी, लेकिन किसी ने पोल ठीक नहीं कराया।

Update: 2025-11-26 11:23 GMT

Basket Ball Player Death : हरियाणा के रोहतक में 16 साल के राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी की दर्दनाक मौत ने न सिर्फ खेल जगत को हिला दिया है, बल्कि सरकारी लापरवाही पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। हार्दिक के परिजनों का कहना है कि जिस जंग लगे पोल के गिरने से यह हादसा हुआ, उसकी शिकायतें कई बार की गई थी, लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। नतीजा एक उभरते हुए खिलाड़ी की मौत।


हार्दिक का सपना था भारत का नेतृत्व करना 

मीडिया से बात करते हुए हार्दिक के भाई( रिश्ते के ) खड़क सिंह राठी ने बताया कि हमने ऐसा कभी सोचा भी नहीं था। हार्दिक बेहद समर्पित और शांत स्वभाव का खिलाड़ी था। उसका सपना था कि वो एक दिन भारत की बास्केटबॉल टीम का नेतृत्व करे। 

हार्दिक दो भाइयों में बड़ा था। पिता ने दोनों को रोहतक के लखन माजरा स्थित बास्केटबॉल अकादमी में भर्ती कराया था। वह रोज़ 6 घंटे की प्रैक्टिस करता था। सुबह 4 से 7 बजे तक और शाम 4:30 से 7:30 बजे तक।



CCTV में कैद हादसा: जंप के बाद पोल गिरा, मौके पर ही चोटें गंभीर

घटना रविवार सुबह करीब 10:30 बजे की है। CCTV फुटेज में दिखाई दे रहा है कि हार्दिक अभ्यास के दौरान बास्केट को छूने के लिए उछलता है। एक जंप के दौरान वह बास्केट की रिंग पकड़ता है और तभी जंग खाया पोल उसके ऊपर गिर पड़ता है। हार्दिक पोल के निचे दब जाता है, उसकी छाती और पेट का हिस्सा पोल से दबा होता है। वहां मौजूद हार्दिक के साथियों ने पोल उठाकर उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

खड़क सिंह के अनुसार बास्केटबॉल बोर्ड उसकी छाती पर लगा और अंदरूनी चोट के कारण उसकी मौत हो गई।



बार बार शिकायत के बाद भी पोल नहीं किया गया सही 

परिवार का आरोप है कि इस पोल की हालत बहुत समय से खराब थी। खड़क सिंह का कहना है कि कोच ने कम से कम 10 बार अधिकारियों को नोटिस दिलवाया था कि पोल गिर सकता है। हमने भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

यह कोर्ट 2009 में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पहल पर बना था। परिवार का कहना है कि सरकार ने पिछले कई सालों में इसकी एक बार भी मरम्मत नहीं करवाई।

हार्दिक 11 साल की उम्र से खेल रहा था और पिछले 5 साल से नेशनल खिलाड़ी


खड़क सिंह राठी का कहना है कि हार्दिक 11 साल की उम्र से बास्केटबॉल खेल रहा था और पिछले 5 साल से राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा था। इन दिनों वह नेपाल में होने वाले एक टूर्नामेंट की तैयारी कर रहा था।


राजनीती हुई शुरू 

कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने इस हादसे के लिए भाजपा को ज़िम्मेदार ठहराया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पिछले 11 सालों से भाजपा सरकार ने स्टेडियमों पर फंड रोक रखा है। ये सभी स्टेडियम कांग्रेस के समय में बने थे। यह मौत सरकारी लापरवाही का नतीजा है।

हुड्डा ने बताया कि उन्होंने अपने सांसद फंड से 18 लाख रुपये स्पोर्ट्स सुविधाओं के लिए दिए थे, लेकिन सरकार ने उन्हें उपयोग नहीं किया।


सरकार की कार्रवाई: एक अफसर सस्पेंड, सभी जिलों में जांच के आदेश

घटना के बाद राज्य के खेल मंत्री गौरव गौतम ने एक अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि खेल सुविधाओं की तुरंत जांच करें और जो उपकरण जर्जर हालत में हैं, उन्हें दुरुस्त कराया जाए।


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