पश्चिम बंगाल: सेना विवाद पर विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी विधानसभा से निलंबित

ब्रत्य बसु की टिप्पणी पर हंगामे के बाद अधिकारी विशेष सत्र की शेष अवधि तक निलंबित;

Update: 2025-09-02 16:32 GMT
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी (बीच में) मंगलवार को कोलकाता में विशेष सत्र के दौरान पार्टी विधायकों के साथ विधानसभा से वॉकआउट करते हुए | पीटीआई फोटो

पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने मंगलवार (2 सितम्बर) को विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को विधानसभा के विशेष सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। कार्यवाही के दौरान सेना के कथित राजनीतिकरण को लेकर विवाद हावी रहा।

बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली प्रवासियों के कथित उत्पीड़न की निंदा पर लाए गए प्रस्ताव पर बहस के दौरान शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने सेना द्वारा कोलकाता के मेयो रोड पर गांधी प्रतिमा के नीचे तृणमूल कांग्रेस का विरोध मंच हटाए जाने का जिक्र किया।

ब्रत्य का बांग्लादेश संदर्भ

बसु ने कहा, “कल (1 सितम्बर) जब सेना ने हमारा विरोध मंच हटाया, तो मुझे 25 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना द्वारा ढाका में किए गए नरसंहार की याद आ गई।”

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि तृणमूल का मंच हटाना सेना की राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई थी।

इन टिप्पणियों पर सुवेंदु अधिकारी और अन्य बीजेपी विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई। अध्यक्ष ने अधिकारी को बार-बार कार्यवाही बाधित करने से रोका, लेकिन न मानने पर उन्हें निलंबित कर दिया।

इस घटनाक्रम के बाद सभी बीजेपी विधायक विरोध स्वरूप विधानसभा से बाहर चले गए।

सेना ट्रक विवाद

राज्य में सेना को लेकर जारी राजनीतिक टकराव उस समय नया मोड़ ले बैठा जब कोलकाता ट्रैफ़िक पुलिस ने “खतरनाक” तरीके से चल रहे एक सेना ट्रक को रोका। पुलिस के अनुसार, ट्रक ने अचानक दाहिनी ओर मोड़ ले लिया, जबकि वहां इसकी अनुमति नहीं थी और इससे पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा के काफिले से टकराव टल गया।

ट्रक को बाद में छोड़ दिया गया लेकिन सेना के चालक के खिलाफ यातायात नियम तोड़ने का मामला दर्ज किया गया।

यह घटना भी राजनीतिक विवाद का कारण बनी। केंद्रीय मंत्री और बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पुलिस कार्रवाई पर गंभीर आपत्ति जताई और इसे सेना को बदनाम करने की साज़िश बताया। बीजेपी ने भी सड़कों पर उतरकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस “अपमान” पर प्रतिक्रिया की मांग की।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने तर्क दिया कि यातायात नियम सब पर लागू होते हैं और सेना इसका अपवाद नहीं हो सकती।

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