लापता भाजपा नेता के मामले में हाई कोर्ट सख्त, कोर्ट ने एसपी को तलब किया
कहाँ हैं भाजपा नेता? इस बात पर सस्पेंस बरकरार है।विवाद के बाद गायब हुए प्रीतम सिंह लोधी का अब तक पता नहीं चल सका है तो वहीं मामले में पुलिस की थ्योरी पर भी सवाल उठ रहे हैं।मामला उलझता जा रहा है।
Bjp leader missing after detention: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी के गायब होने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।हाई कोर्ट के सख्त रूख के बाद जहाँ पुलिस पर इस मामले में सवाल उठ रहे हैं वहीं अब परिजनों और समर्थकों में भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है।हाईकोर्ट ने हमीरपुर की एसपी दीक्षा शर्मा को 8 दिसंबर को तलब किया है।४६ दिन से प्रीतम सिंह लोधी का कोई सुराग नहीं लग पाया है और परिजनों का आरोप है कि इसमें पुलिस का हाथ है।
क्या था पूरा विवाद ?
हमीरपुर जिला मुख्यालय से क़रीब 80 किलोमीटर दूर राठ में बीजेपी नेता और जिले के किसान प्रीतम सिंह लोधी का पेट्रोल पम्प है।प्रीतम सिंह विधानसभा और लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।घटना 18 अक्टूबर की है।धनतेरस की रात इसी पेट्रोल पम्प पर विवाद हुआ था।पेट्रोल पम्प में विवाद हुआ था।रात क़रीब 12 बजे महोबा जिले का नरेश अहिरवार अपने चार साथियों के साथ पेट्रोल पम्प पहुंचा और कार में 3400 रुपए का पेट्रोल डलवाया। नरेश के साथी ने पेट्रोल पम्प पर क्यू आर कोड स्कैन किया पर इंटरनेट नहीं चला। उसके बाद पेट्रोल पम्प के कर्मचारियों और नरेश के साथियों के बीच न सिर्फ़ झड़प हुई बल्कि मारपीट शुरू हो गई।आरोप है कि प्रीतम सिंह लोधी ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से फायर कर दिया जिसमें नरेश के तीन साथी घायल हो गए।
मारपीट और फायरिंग को खबर मिलते ही राठ थाने की पुलिस पहुंची और सभी को थाने ले आई।प्रीतम सिंह को भी थाने लाया गया और लाइसेंसी रिवाल्वर को भी क़ब्ज़े में ले लिया गया।थाने के अंदर रात भर बवाल होता रहा।हालाँकि पुलिस ने सुबह होने तक दोनों पक्षों में समझौता करा दिया।प्रीतम सिंह को लेने पहुंचे उनके बेटे राधवेंद्र सिंह सुबह प्रीतम सिंह को लेकर वहाँ से चले गए। उनके साथ हमीरपुर के एक दूसरे भाजपा नेता राजेंद्र सिंह भी थे।लेकिन परिवार के लोगों का आरोप है कि प्रीतम सिंह घर नहीं पहुंचे।इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।दरअसल जिस दौरान प्रीतम सिंह को थाने में बिठाया गया था उस दौरान पूरे क्षेत्र में यह बात फ़ैल गई थी।भाजपा कार्यकर्ता प्रीतम सिंह को रात भर थाने में बिठाए जाने की आलोचना कर रहे थे और पुलिस पर सवाल उठा रहे थे।प्रीतम सिंह के गायब होने के बाद भी सोशल मीडिया पर चर्चा चलती रही।पर प्रीतम सिंह का कुछ पता नहीं चला।
पुलिस पर परिवार का आरोप, हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका-
इस बीच परिवार ने पुलिस पर आरोप लगा दिया कि पुलिस ने प्रीतम सिंह को गायब कर दिया है।प्रीतम सिंह के परिवार के लोग 27 नवंबर को हाई कोर्ट भी पहुंच गए कि पुलिस प्रीतम सिंह को सामने लाए।इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि प्रीतम सिंह की तलाश कर कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए।उसके बाद पुलिस ने जगह-जगह छापामारी की।हालाँकि अब तक प्रीतम सिंह नहीं मिले हैं।प्रीतम सिंह के परिजनों के अनुसार उनकी क्षेत्र में प्रतिष्ठा थी।मामूली विवाद के बाद न सिर्फ़ पुलिस थाने ले गई बल्कि सुबह तक थाने में बिठाए रखा।अब तक पुलिस ने उन्हें कहाँ रखा पता नहीं यह आरोप लगते हुए परिवार कोर्ट गया है।
वहीं हाईकोर्ट ने हमीरपुर की एसपी दीक्षा शर्मा को इस सिलसिले में 8 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है।पुलिस का तर्क है कि प्रीतम सिंह का फ़ोन 26 अक्टूबर तक ऑन रहा।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने यह कहा कि 31अक्टूबर को प्रीतम सिंह की फ़ोन की लोकेशन उनके घर पर मिली थी।लेकिन जब पुलिस वहाँ पहुंची तो प्रीतम सिंह नहीं मिले।उसके बाद से उनका फ़ोन बंद हो गया।
पुलिस पर उठ रहे हैं सवाल-
प्रीतम सिंह मामले में पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठ रहे हैं।गायब प्रीतम सिंह पर पुलिस ने 20 नवंबर को मारपीट का मुकदमा दर्ज करा दिया। साथ ही एससी एसटी एक्ट भी लगा दिया। हालाँकि पुलिस ने प्रीतम सिंह पर जिस पक्ष से मारपीट का केस दर्ज किया है उस नरेश अहिरवार का कहना है कि पुलिस ने उसको कहा कि तुम्हारे ख़िलाफ़ प्रीतम सिंह के परिवार ने एफ़आईआर करवाई है।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नरेश के अनुसार उनको जेल जाने का डर दिखा कर पुलिस ने सादे पन्ने पर साइन करने के लिए भी कहा।इस बीच पुलिस प्रीतम सिंह को ढूँढने के लिए एसटीएफ और दूसरे राज्य की पुलिस से भी मदद ले रही है।क्षेत्र के लोग इस बात की भी आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि हो सकता है मौके का फायदा उठाकर प्रीतम सिंह को किसी ने राजनीतिक साज़िश का शिकार बनाया हो।फ़िलहाल 8 दिसंबर को मामले की सुनवाई होनी है।