उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन, बर्फ में फंसे 57 मजदूर, 16 को किया गया रेस्क्यू

Avalanche hits Uttarakhand: बीआरओ का कहना है कि तीन से चार एंबुलेंस को घटना स्थल पर भेजा गया है. लेकिन भारी बर्फबारी के कारण इनमें देरी हो रही है.;

Update: 2025-02-28 10:17 GMT

Uttarakhand avalanche: उत्तराखंड के चमोली जिले में आए हिमस्खलन के कारण बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) के कम से कम 57 श्रमिक फंसे हुए हैं. यह घटना माणा गांव के पास बद्रीनाथ मंदिर से लगभग पांच किलोमीटर दूर हुई. इस समय कुल 57 श्रमिकों में से 16 को रेस्क्यू कर लिया गया है. उनको गंभीर स्थिति में माणा गांव के नजदीकी सेना के कैंप में भर्ती कराया गया है.

बचाव अभियान में भारतीय सेना की IBEX ब्रिगेड ने मोर्चा संभाला है. जो भारी बर्फबारी और छोटे हिमस्खलनों के बावजूद तेजी से राहत कार्य चला रही है. हिमस्खलन में कई श्रमिकों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. भारतीय सेना ने घटनास्थल से बचाव की कुछ पहली तस्वीरें साझा की हैं.

बीआरओ का कहना है कि तीन से चार एंबुलेंस को घटना स्थल पर भेजा गया है. लेकिन भारी बर्फबारी के कारण इनमें देरी हो रही है. इस बचाव अभियान में कुल 60-65 लोग शामिल हैं. चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि वर्तमान में क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी हो रही है, जिसके कारण हेलीकॉप्टर सेवाओं का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और सड़क पर आवाजाही भी बहुत कठिन हो गई है.

वहीं, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है. सेना से संपर्क किया गया है ताकि लम्बागढ़ में अवरुद्ध मार्ग को साफ किया जा सके. इसके अलावा, एक अन्य टीम सहस्त्रधारा हेलिपैड पर अलर्ट पर है. जैसे ही मौसम की स्थिति ठीक होगी, SDRF की उच्च-ऊंचाई वाली बचाव टीम को हेलीकॉप्टर से घटनास्थल के नजदीक उतारा जाएगा. SDRF की ड्रोन टीम भी तैयार है. लेकिन भारी बर्फबारी के कारण फिलहाल ड्रोन से राहत कार्य असंभव है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और राहत कार्यों के जारी रहने का आश्वासन दिया. उन्होंने लिखा एक्स पर लिखा कि मैं भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिकों की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं.

इसके साथ ही भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भारी बारिश के प्रभावों को लेकर चेतावनी जारी की है. इस मौसम में स्थानीय सड़कों पर बाढ़, निम्न क्षेत्रों में जलभराव और शहरी इलाकों में अंडरपासों के बंद होने की आशंका जताई जा रही है. भारी वर्षा के कारण विजिबिलिटी में कमी, यातायात में रुकावट, यात्रा समय में वृद्धि और कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान होने की आशंका है.

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