उन्नाव रेप केस में नया मोड़, CBI ने SC जाने का लिया फैसला
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उन्नाव रेप केस में नया मोड़, CBI ने SC जाने का लिया फैसला

उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर की उम्रकैद पर रोक के खिलाफ CBI सुप्रीम कोर्ट जाएगी। पीड़िता ने फैसले को परिवार के लिए ‘काल’ बताया।


केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) उन्नाव रेप केस में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बड़ी राहत देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सेंगर को सुनाई गई उम्रकैद की सजा पर रोक लगाते हुए उसे जमानत दे दी थी। आदेश का विस्तृत अध्ययन करने के बाद CBI ने शीर्ष अदालत में जाने का फैसला किया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, CBI के प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें सेंगर की उम्रकैद की सजा को उसकी अपील के लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है।

हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल जेल में ही रहेगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वह उन्नाव मामले से जुड़े एक अन्य केस में, रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में, अलग से 10 साल की सजा काट रहा है।

कुलदीप सेंगर ने दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस अपील का CBI और पीड़िता के परिवार ने कड़ा विरोध किया था। पीड़िता के परिवार ने सुरक्षा को लेकर गंभीर आशंकाएं जताते हुए धमकियों का भी आरोप लगाया था। CBI ने अदालत में समय पर जवाब और लिखित दलीलें दाखिल की थीं, वहीं पीड़िता के परिजनों ने भी सुरक्षा कारणों से सेंगर को जमानत न देने की मांग की थी।

मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंगर की सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि वह अब तक करीब सात साल पांच महीने जेल में बिता चुका है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह रोक उसकी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ दायर अपील के अंतिम निपटारे तक लागू रहेगी।

जमानत देते समय अदालत ने सख्त शर्तें लगाईं। सेंगर को 15 लाख रुपये के निजी मुचलके के साथ उतनी ही राशि के तीन जमानतदार देने होंगे। इसके अलावा अदालत ने उसे दिल्ली में पीड़िता के आवास के पांच किलोमीटर के दायरे में प्रवेश करने से रोक दिया है और पीड़िता या उसकी मां को किसी भी तरह की धमकी देने पर सख्त पाबंदी लगाई है।

गौरतलब है कि कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म का दोषी ठहराया गया था। इस मामले और इससे जुड़े अन्य केसों को अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले पर पीड़िता की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। पीटीआई के अनुसार, पीड़िता ने सजा निलंबन को अपने परिवार के लिए “काल” यानी मौत करार दिया। उसने कहा कि वह भी न्याय की गुहार लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी, क्योंकि ऐसे फैसले यौन हिंसा की शिकार महिलाओं के मन में डर और असुरक्षा को और गहरा करते हैं।

पीड़िता और उसकी मां ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन भी किया और बाद में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपने कानूनी संघर्ष में समर्थन मांगा। पीड़िता का आरोप है कि उसके परिवार और कानूनी टीम की सुरक्षा पहले ही हटा ली गई थी और अब अदालत के इस फैसले ने उनकी सुरक्षा संबंधी चिंताओं को और बढ़ा दिया है।मामला अब सुप्रीम कोर्ट की ओर बढ़ रहा है। CBI ने साफ किया है कि वह शीर्ष अदालत में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कराने की पूरी कोशिश करेगी और अपने इस रुख पर कायम है कि उन्नाव रेप केस में दी गई दोषसिद्धि और सजा बरकरार रहनी चाहिए।

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