दिल्ली प्रदूषण पर सरकार की माफी, 9–10 महीने में AQI सुधार नामुमकिन

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कड़े प्रतिबंध लागू, बिना PUC ईंधन बंद और BS-VI से नीचे बाहरी वाहनों पर रोक

Update: 2025-12-16 10:34 GMT
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Air Pollution In Delhi : दिल्ली-NCR में जहरीली हवा और घने स्मॉग के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को साफ कहा कि किसी भी निर्वाचित सरकार से यह उम्मीद करना अव्यावहारिक है कि वह 9–10 महीनों में वायु गुणवत्ता (AQI) को पूरी तरह नियंत्रित कर ले।



उन्होंने कहा कि “दिल्ली में प्रदूषण के लिए मैं माफी मांगता हूं। 9–10 महीने में AQI कम करना किसी भी सरकार के लिए नामुमकिन है। यह बीमारी हमें पिछली आम आदमी पार्टी सरकार से विरासत में मिली है। हम हर दिन AQI सुधारने का काम कर रहे हैं।”

AAP पर सीधा हमला

पर्यावरण मंत्री ने आरोप लगाया कि मौजूदा हालात पिछली AAP सरकार की नीतियों का नतीजा हैं। सिरसा ने कहा कि “हम बेईमान AAP सरकार से बेहतर काम कर रहे हैं। प्रदूषण की समस्या वर्षों की देन है और इसे ठीक करने में वक्त लगेगा।”

प्रदूषण रोकने के लिए सख्त फैसले

सरकार ने प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए कई तत्काल और सख्त कदमों का ऐलान किया है:

बिना वैध PUC के वाहन को परसों (गुरुवार) से पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। सिर्फ एक दिन की मोहलत।

दिल्ली के बाहर से आने वाले BS-VI से नीचे के वाहन अगले आदेश तक पूरी तरह बैन।

कंस्ट्रक्शन मटेरियल लाते ट्रक वाहन सीज, भारी जुर्माना, टोटल बैन।

कहां सबसे ज़्यादा ज़हरीली हवा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक कई इलाकों में हालात बेहद खराब हैं:

आनंद विहार – AQI 410 (गंभीर)

गाज़ीपुर – AQI 410 (गंभीर)

AIIMS – AQI 397 (बहुत खराब)

इंडिया गेट – AQI 380 (बहुत खराब)

इन हालातों ने आम लोगों की सेहत को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है।

GRAP-IV लागू, सबसे कड़े प्रतिबंध

प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए CAQM ने दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-IV लागू कर दिया है।

GRAP-IV तब लागू होता है जब AQI 450 से ऊपर पहुंचता है

यह सबसे कड़ा स्तर है

उद्देश्य:

लोगों का प्रदूषण से संपर्क कम करना

हालात और बिगड़ने से रोकना

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान

पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी प्रदूषण पर विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि “प्रदूषण आज पैदा नहीं हुआ, यह 27 सालों की समस्या है। 27 साल के बैकलॉग को साफ करने के लिए सरकार को कम से कम 27 महीने चाहिए।”

कूड़ा निस्तारण पर सरकार का दावा

पर्यावरण मंत्री के मुताबिक:

पहले रोज़ 20 हजार मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण होता था। अब इसे बढ़ाकर 35 हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन किया गया। बायो-माइनिंग के ज़रिए कचरे का निपटान तेज़ी से किया जा रहा है

दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर सरकार ने पहली बार खुलकर स्वीकार किया है कि यह लंबे समय की समस्या है। सख्त प्रतिबंध, GRAP-IV और वाहन नियमों के ज़रिए सरकार हालात संभालने की कोशिश कर रही है, लेकिन साफ है कि स्वच्छ हवा की राह लंबी और चुनौतीपूर्ण बनी रहेगी।


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