जहरीली आबोहवा निकाल रही दिल्ली-NCR का दम, गंभीर स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण

दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट देखी जा रही है. आबोहवा में वायु प्रदूषण का इतना जहर भर चुका है कि सांस लेना तक दूभर हो चुका है.

Update: 2024-11-12 06:46 GMT

Delhi NCR air pollution: दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट देखी जा रही है. आबोहवा में वायु प्रदूषण का इतना जहर भर चुका है कि सांस लेना तक दूभर हो चुका है. खासकर सुबह के वक्त पूरा इलाका धूंध की चादर में समा जाता है. सरकार के द्वारा इसको लेकर कई प्रयास तो किए जा रहे हैं. लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहे हैं. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट भी वायु प्रदूषण को लेकर संबंधित एजेंसियों और एनसीआर के राज्य सरकारों को फटकार लगा चुकी है. लेकिन वायु प्रदूषण के स्तर में कोई सुधार होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह 8 बजे तक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 355 दर्ज किया गया.

SAFAR (सफर) इंडिया के अनुसार, अशोक विहार में AQI 390, द्वारका सेक्टर 8 में 367, DTU में 366, जहांगीरपुरी में 417, लोधी रोड में 313, मुंडका में 404, नजफगढ़ में 355, नरेला में 356 दर्ज किया गया. इतना ही नहीं दिल्ली में सबसे खराब स्थिति आनंद विहार में रही. CPCB के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में AQI ‘गंभीर’ स्तर यानी कि 403 दर्ज किया गया. वहीं, एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक्यूआई 229, गुरुग्राम में 222, गाजियाबाद में 320, ग्रेटर नोएडा में 285 रही.

मौसम विभाग की मानें तो अभी फिलहाल कुछ दिन तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी. बता दें कि सर्दियां आते ही वायु प्रदूषण का स्तर गहराने लगता है. इसके पीछे हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जलाई जाने वाली पराली को माना जाता है. वहीं, दिवाली के समय में जलाए जाने वाले पटाखे भी प्रदूषण को बढ़ाने की वजह होते हैं. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन वर्क से उड़ने वाली धूल से भी वायु गुणवत्ता में गिरावट आती है.

दिल्ली में सर्दियों में वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण होता है. दिल्ली की खराब परिवहन प्रणाली से होने वाला प्रदूषण स्थानीय स्रोतों से होने वाले प्रदूषण का 50 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा है. वायु गुणवत्ता को हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा से मापा जाता है.

Tags:    

Similar News