दिल्ली की हवा ‘जानलेवा’, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

ऑक्सीजन मास्क पहनकर प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस नेताओं ने प्रदूषण रोकने में रेखा सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए; भाजपा ने जवाब में सुधारों का हवाला दिया।

Update: 2025-11-26 17:56 GMT

Congress Protest On Air Pollution : राजधानी दिल्ली की हवा इन दिनों इतनी जहरीली हो गई है कि लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। दमघोंटू धुंध और बढ़ते प्रदूषण ने हालात बेहद चिंताजनक बना दिए हैं। इसी मुद्दे पर बुधवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां कांग्रेस नेताओं ने ऑक्सीजन मास्क पहनकर प्रदर्शन किया और सरकार पर तीखे आरोप लगाए। इसके अलावा दिल्ली सचिवालय के बाहर ही प्रदर्शन किया गया।



दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी है

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली की हवा अब “जानलेवा” स्तर पर पहुंच चुकी है। उनके मुताबिक, सरकार केवल बयानों में व्यस्त है लेकिन ज़मीन पर कोई ठोस काम नहीं दिख रहा। उन्होंने दावा किया कि राजधानी दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल है और रेखा सरकार प्रदूषण को रोकने के अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक उपायों पर पूरी तरह असफल रही है।

यादव ने आरोप लगाया कि ग्रेप-3 लागू होने के बावजूद दिल्ली सरकार ने मजदूरों के लिए कोई राहत नहीं दी। निर्माण गतिविधियां बंद होने पर सबसे ज्यादा मार दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ती है, लेकिन सरकार ने उनकी मदद के लिए एक कदम तक नहीं उठाया।



झूठे वादों में उलझी भाजपा 

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर भी हमला बोला। उनका कहना है कि सत्ता में आने से पहले भाजपा प्रदूषण खत्म करने की बड़ी-बड़ी बातें करती थी, लेकिन अब केवल घोषणाओं और बयानबाजी तक सीमित है।

यादव ने सवाल उठाया कि जब डॉक्टर और विशेषज्ञ स्वास्थ्य आपातकाल लगाए जाने की सलाह दे रहे हैं, तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आखिर क्यों कार्रवाई में देरी कर रही हैं? उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत एक ठोस, पारदर्शी और समयबद्ध योजना लागू करे।


भाजपा का पलटवार - हम सिर्फ 8 महीने में क्या-क्या सुधारें?

उधर, दिल्ली सरकार की तरफ से भाजपा विधायक संजय गोयल सामने आए और कांग्रेस के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को सत्ता संभाले सिर्फ आठ महीने हुए हैं और इस दौरान उन्होंने प्रदूषण कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

उन्होंने बताया कि शहर में 279 वाटर स्प्रिंकलर लगातार चल रहे हैं, पेड़ों की धुलाई हो रही है, सड़कों के गड्ढों को भरा जा रहा है ताकि धूल न उड़े। लोगों को वर्क-फ्रॉम-होम के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे ट्रैफिक और वाहन प्रदूषण कम हो सके।

संजय गोयल ने कहा कि “पिछली सरकारों की नाकामियों का असर आज हमें झेलना पड़ रहा है। अगर सालों पहले कूड़े के पहाड़ों, सड़क प्रबंधन और पर्यावरण पर सही काम किया गया होता, तो दिल्ली इतनी बदहाल न होती।”

उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री खुद इस संकट पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और दिल्ली को प्रदूषण-मुक्त बनाने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।


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