राजनीति की बात करते ही वो मुझे गिराते हैं, BJP पर वाड्रा ने साधा निशाना

गुरुग्राम लैंड स्कैम पूछताछ के सिलसिले में रॉबर्ट वाड्रा ED दफ्तर में हैं। पूछताछ से पहले कहा कि केस में कुछ भी नहीं है, अनावश्यक परेशान किया जा रहा है।;

Update: 2025-04-15 06:17 GMT
सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी गुरुग्राम लैंड स्कैम में पूछताछ कर रहे हैं।

Gurugram Land Deal Case: शिकोहपुर जमीन घोटाला जिसे गुरुग्राम लैंड स्कैम भी कहा जाता है। इस मामले में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से ई़डी पहले भी पूछताछ कर चुकी है और दूसरी दफा पूछताछ कर रही है। पूछताछ में शामिल होने से पहले वाड्रा ने कहा कि  उन्होंने ईडी को पहले ही बता दिया है कि हम अपने दस्तावेज जुटा रहे हैं, मैं हमेशा यहां आने के लिए तैयार हूं मुझे उम्मीद है कि आज कोई निष्कर्ष निकलेगा। मामले में कुछ भी नहीं है जब मैं देश के पक्ष में बोलता हूं, तो मुझे रोका जाता है, राहुल को संसद में बोलने से रोका जाता है। भाजपा ऐसा कर रही है। यह एक राजनीतिक प्रतिशोध है।

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि लोग उन्हें प्यार करते हैं और चाहते हैं कि मैं राजनीति में शामिल हो जाऊं। जब मैं राजनीति में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करता हूं, तो वे मुझे नीचे गिराने और वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए पुराने मुद्दे उठाते हैं,मामले में कुछ भी नहीं है। पिछले 20 वर्षों में मुझे 15 बार बुलाया गया और हर बार 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। 23000 दस्तावेजों को व्यवस्थित करना आसान नहीं है।


ED को क्यों है संदेह

प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्तता दिखाई है। यह मामला गुरुग्राम के शिकोहपुर में स्थित एक विवादित जमीन सौदे से जुड़ा है, जिसे कॉलोनी डेवलपमेंट के नाम पर आवंटित किया गया था।

क्या है शिकोहपुर जमीन घोटाला?

यह मामला साल 2008 का है, जब हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। उस वक्त वाड्रा की कंपनी को 3.53 एकड़ जमीन महज 7.50 करोड़ रुपये में कॉलोनी विकसित करने के लिए दी गई थी। हरियाणा सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ को कमर्शियल कॉलोनी के रूप में विकसित करने की लाइसेंस भी दे दिया था।हालांकि, आरोप है कि कॉलोनी डेवलप करने के बजाय, वाड्रा की कंपनी ने यह जमीन 2012 में 58 करोड़ रुपये में DLF यूनिवर्सल लिमिटेड को बेच दी। इस सौदे से कंपनी ने बड़े पैमाने पर मुनाफा कमाया, जबकि जमीन उन्हें सरकार से काफी कम दाम पर मिली थी।क्या कहती है एजेंसी?ED इस पूरे लेन-देन को संभावित मनी लॉन्ड्रिंग मान रही है और जांच कर रही है कि क्या इस सौदे के पीछे कानूनी प्रक्रियाओं को दरकिनार किया गया। इसके तहत वाड्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया है ताकि उनकी कंपनी की भूमिका स्पष्ट हो सके।

Tags:    

Similar News