हर हर महादेव के उद्घोष के साथ गूंजा वणक्कम काशी ! काशी-तमिल संगमम से मिलेगी सांस्कृतिक संबंध को मज़बूती

काशी-तमिल संगमम के माध्यम से काशी और तमिलनाडु के सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत किया जाएगा।यह इस आयोजन का चौथा साल है और इस बार यह पहले से ज़्यादा भव्य रूप में आयोजित किया जा रहा है।

By :  Shilpi Sen
Update: 2025-12-02 16:33 GMT
इस बार काशी-तमिल संगमम की थीम है-आओ तमिल सीखें

Fourth edition of Kashi-Sangamam begins: उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के बीच सांस्कृतिक संबंधों का विस्तार करने के लिए 2 दिसंबर से वाराणसी में काशी तमिल संगमम की शुरुआत हुई। तमिलनाडु से क़रीब चौदह सौ प्रतिनिधि इस आयोजन में शामिल होने के लिए वाराणसी पहुँच रहे हैं।आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने किया।इस मौके पर यूपी सीएम ने कहा कि पिछले चार साल में काशी आने वाले लोगों में यूपी के बाद सबसे ज़्यादा संख्या दक्षिण भारत के लोगों की ही है।

काशी-तमिल संगमम से भाषा की एकता को मिलेगी मज़बूती-

काशी तमिल संगमम् के चौथे संस्करण के उद्घाटन समारोह में प्राचीनतम नगरी काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाई पड़ी।यह चौथा वर्ष है जब वाराणसी में काशी-तमिल संगमम का आयोजन किया जा रहा है।वाराणसी के नमो घाट पर इसके आयोजन के लिए भव्य तैयारियाँ की गई हैं।इस बार तमिल संगमम की थीम ‘तमिल करकलाम’ यानि ‘तमिल सीखें’ है।तमिलनाडु से 1400 से ज़्यादा प्रतिनिधि काशी पहुंच रहे हैं जिसमें बड़ी संख्या छात्रों की है।काशी तमिल संगमम के तहत तमिल भाषा को सिखाने और काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने की पहल की गई है।उत्तर प्रदेश के 300 छात्र 10 बैच में तमिलनाडु पहुंचेंगे।वहीं वाराणसी के स्कूलों में 50 हिन्दी जानने वाले तमिल शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

काशी आने वालों में सबसे ज़्यादा दक्षिण भारतीय-

काशी तमिल संगमम के लिए तमिलनाडु से विशेष ट्रेंस भी चलायी गई हैं।यहाँ आने वालों में छात्र, स्कॉलर, शोधकर्ता और पर्यटक शामिल हैं।यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि ‘बीते 4 वर्ष में 26 करोड़ श्रद्धालु काशी आए हैं, जिसमें यूपी के बाद सबसे अधिक दक्षिण भारत के लोग शामिल हैं।’ मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यूपी में वोकेशनल एजुकेशन में तमिल, कन्नड़, तेलुगु, मलयालम, मराठी और बंगाली सीखने वालों का पूरा खर्चा यूपी सरकार उठाएगी।सीएम योगी ने कहा कि ‘काशी और तमिल के प्राचीन संबंधों के केंद्र में भगवान शिव हैं।इस संबंध सेतु को आदि शंकराचार्य ने देश के चारों कोनों में पवित्र पीठ स्थापित कर आगे बढ़ाया।’ यही नहीं चेट्टियार समाज ने पिछले दो सौ वर्षों से काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए पूजन सामग्री उपलब्ध कराने का काम किया है।

कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति सी पी राधा कृष्णन ने वर्चुअल माध्यम से वीडियो संदेश दिया।तमिलनाडु के संस्कृतिक संबंधों को देखते हुए यूपी टूरिज्म ने रामेश्वरम, मदुरई धाम और कन्याकुमारी के दर्शन करने के लिए विशेष व्यवस्था करने की घोषणा की।आयोजन में काशी और तमिलनाडु के पारंपरिक कलाकार संयुक्त प्रस्तुति देते हुए भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेंगे।काशी तमिल संगमम में आने वाले शोधार्थी, पर्यटकों को गंगा स्नान के साथ दक्षिण भारतीय परंपरा से जुड़े मंदिरों में दर्शन-पूजन तथा इतिहास से संबंधित जानकारी की सुविधा दी जाएगी। तमिलनाडु के अतिथि श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन करेंगे और मां अन्नपूर्णा रसोई में प्रसाद ग्रहण करेंगे।उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत और दोनों राज्यों में संबंधों को देखते हुए कई अहम कार्यक्रम भी होंगे।तमिल छात्र बीएचयू में एकेडमिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

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