जम्मू में बाढ़ का कहर, अब तक 30 की मौत, 22 ट्रेनें भी रद्द

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश-भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदियां उफान पर और सेना राहत कार्य में जुटी है। वहीं वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई है। ,;

Update: 2025-08-27 01:17 GMT

जम्मू-कश्मीर में लगातार भारी बारिश और खराब मौसम ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियों के उफान और भूस्खलन से सड़कें, पुल और बुनियादी ढांचा भारी नुकसान झेल रहे हैं।जम्मू क्षेत्र में बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में 21 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

वैष्णो देवी यात्रा स्थगित

लगातार बारिश और भूस्खलन को देखते हुए वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा स्थगित कर दी गई है। हिमकोटि मार्ग को सुबह से ही बंद कर दिया गया था, जबकि पुराने मार्ग पर दोपहर 1.30 बजे तक यात्रा चल रही थी। लेकिन भारी बारिश के बाद प्रशासन ने एहतियातन इसे भी रोक दिया।अर्धकुआरी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भूस्खलन हुआ, जहां कई लोग मलबे में दब गए। राहत-बचाव कार्य जारी है और सेना की तीन टुकड़ियां मौके पर तैनात हैं।


हाईवे और ट्रेनें बंद

भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं। कई पहाड़ी सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इसके साथ ही जम्मू आने-जाने वाली कई ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं।दूरसंचार सेवाएं ठप होने से लाखों लोग संपर्क से कट गए हैं।

मचैल माता हादसे की याद ताजा

यह तबाही कुछ ही दिन पहले हुई उस घटना की याद दिलाती है जब किश्तवाड़ जिले के चिसोती गांव में 14 अगस्त को बादल फटने से आई बाढ़ में 65 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें अधिकतर तीर्थयात्री थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे।

अन्य जिले भी प्रभावित

डोडा जिले में चार लोगों की मौत हुई—तीन नदी में फिसलकर गिरे और एक की घर ढहने से मौत हो गई।किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ जिलों में भी सार्वजनिक व निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बैठक

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति को गंभीर बताते हुए आपात बैठक बुलाई। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को भोजन, पानी और दवा जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

नदियां उफान पर

तराना, उझ, तवी और चिनाब जैसी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कठुआ जिले में रावी नदी पर बने माधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक पार कर गया है, जिससे निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए।

अलर्ट और स्कूल बंद

मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की संभावना जताई है। एहतियातन जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल 27 अगस्त तक बंद कर दिए गए हैं और बोर्ड परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।

बचाव कार्य जारी

भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन मिलकर सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। कई लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।जम्मू और सांबा जिलों में बीएसएफ की भर्ती परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है।

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