सिद्धारमैया : कर्नाटक में लीडरशिप में बदलाव पर 'कांग्रेस हाईकमान फैसला करेगा'

कर्नाटक सरकार के 2.5 साल पूरे होने पर नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं, डीके शिवकुमार के साथ सत्ता बंटवारे की खबरों के बीच।

Update: 2025-11-24 11:09 GMT

Karnatak Congress Power Drama : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होते ही मुख्यमंत्री बदलने को लेकर चल रही अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं। बताया जाता है कि 2023 में सत्ता संभालते समय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच किसी प्रकार के “पावर-शेयरिंग फॉर्मूले” की चर्चा हुई थी। अब सरकार के आधे कार्यकाल पूरे होने के बाद वही मुद्दा फिर सुर्खियों में है।


हाईकमान कहेगा तो रहूंगा CM - सिद्धारमैया

सोमवार (24 नवंबर) को सिद्धारमैया ने साफ कहा कि वे तभी मुख्यमंत्री बने रहेंगे जब कांग्रेस हाईकमान चाहेंगे। उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, वही अंतिम होगा और वे तथा शिवकुमार दोनों उस फैसले का पालन करेंगे।
चिक्कबल्लापुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हाईकमान जैसा निर्णय लेगा, हम मानेंगे। अगर वे कहें कि मैं जारी रहूं, तो मैं रहूंगा। अंततः फैसला उन्हीं का है। शिवकुमार को भी इसे स्वीकार करना चाहिए।

क्या DKS होंगे CM? सिद्धारमैया ने सवाल टाला

जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या अब डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे, तो सिद्धारमैया ने दो टूक कहा कि उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि फैसला हाईकमान करेगा। उन्होंने कहा कि चार–पाँच महीने पहले हाईकमान ने कैबिनेट फेरबदल पर सहमति दी थी, लेकिन उन्होंने सुझाव दिया था कि सरकार पहले आधा कार्यकाल पूरा करे। अब, उन्होंने कहा कि अब हाईकमान जैसा कहेगा, वैसा ही होगा।
ढाई साल बाद सत्ता हस्तांतरण की किसी सहमति पर पूछे जाने पर भी उन्होंने वही जवाब दोहराया कि हाईकमान का फैसला मानेंगे।

सिद्धारमैया–खड़गे की बैठक और विधायकों की हलचल

22 नवंबर को सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर एक घंटे से अधिक समय तक बैठक की। इसी बीच, शिवकुमार के समर्थन में लगभग दस विधायक दिल्ली जाकर खड़गे से मिले थे। सरकार के 2.5 वर्ष पूरे होने के साथ ही यह हलचल तेज हो गई।
शिवकुमार ने कहा कि उन्हें इस ‘दिल्ली यात्रा’ की जानकारी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद सोमवार रात छह और विधायक दिल्ली रवाना हुए, ताकि हाईकमान के सामने शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग रखी जा सके।
सूत्रों का कहना है कि जल्द ही कुछ और विधायक भी दिल्ली पहुंच सकते हैं।

कांग्रेस हाईकमान की अगली चाल पर टिकी निगाहें

खड़गे के जल्द दिल्ली रवाना होने की खबर है और राहुल गांधी भी विदेश दौरे से लौटने वाले हैं, जिससे अटकलों को और बल मिला है। सूत्रों का कहना है कि सिद्धारमैया चाहते हैं कि पहले कैबिनेट फेरबदल किया जाए, जबकि शिवकुमार की प्राथमिकता साफ है कि वे चाहते हैं कि पहले नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला हो।
कई पार्टी नेताओं का कहना है कि अगर हाईकमान कैबिनेट फेरबदल को मंजूरी दे देता है, तो इसका अर्थ यही होगा कि सिद्धारमैया पूरे पाँच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। ऐसे में शिवकुमार का मुख्यमंत्री बनने का मौका लगभग खत्म हो जाएगा।


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