जच्चा-बच्चा मामले में भारत की रैंकिंग बढ़ी, देश के अंदर टॉप पर केरल
सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) रिपोर्ट 2021 के अनुसार, केरल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य है, जहां मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) सबसे कम है, जो प्रति लाख जीवित जन्मों पर सिर्फ 20 है।;
भारत में मातृ और शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। देश ने मृत्यु दरों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की है, जिससे भारत अब 2030 के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में केरल एक बार फिर सबसे आगे रहा है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
केरल में मातृ मृत्यु दर सबसे कम
भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) रिपोर्ट 2021 के अनुसार, केरल की मातृ मृत्यु दर (MMR) केवल 20 प्रति एक लाख जीवित जन्म है, जबकि भारत का औसत 93 है। यह आंकड़ा न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बेहद उल्लेखनीय माना जा रहा है।केरल ने शिशु मृत्यु के सभी मानकों नवजात, शिशु और पाँच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर में SDG लक्ष्य या उससे बेहतर प्रदर्शन किया है।
देशभर में प्रगति के संकेत
भारत ने 2014-16 के बीच मातृ मृत्यु दर 130 से घटाकर 2019-21 में 93 कर ली है। यह 37 अंकों की गिरावट वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ सुधारों में से एक मानी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह गिरावट भारत की नीतिगत प्रतिबद्धताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार का परिणाम है।
शिशु मृत्यु दर में भी तेजी से गिरावट
शिशु मृत्यु दर (IMR) 2014 में 39 प्रति 1000 जीवित जन्म से घटकर 2021 में 27 हो गई।नवजात मृत्यु दर (NMR) 2014 के 26 से घटकर 2021 में 19 हो गई। पाँच वर्ष से कम आयु मृत्यु दर (U5MR) 2014 के 45 से घटकर 2021 में 31 हो गई।
साथ ही, जन्म पर लिंग अनुपात भी सुधरकर 2014 में 899 से 2021 में 913 हो गया, जो लिंग समानता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
इन राज्यों ने हासिल किए SDG लक्ष्य
SRS 2021 के अनुसार, आठ राज्यों ने पहले ही मातृ मृत्यु दर के लिए निर्धारित SDG लक्ष्य (≤70) प्राप्त कर लिए हैं:
केरल (20)
महाराष्ट्र (38)
तेलंगाना (45)
आंध्र प्रदेश (46)
तमिलनाडु (49)
झारखंड (51)
गुजरात (53)
कर्नाटक (63)
केरल ने U5MR में भी केवल 8 प्रति 1000 जीवित जन्म की दर के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, जो SDG लक्ष्य (≤25) से काफी बेहतर है।
विश्व स्तर पर भारत की उपलब्धि
संयुक्त राष्ट्र मातृ मृत्यु दर आकलन समूह (UN-MMEIG) की अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की मातृ मृत्यु दर में 1990 से 2023 के बीच 86% की गिरावट आई है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह गिरावट केवल 48% रही।
शिशु मृत्यु दर के मामले में भी, UN IGME रिपोर्ट 2024 में भारत को शीर्ष प्रदर्शनकर्ता बताया गया है:
U5MR में 78% की गिरावट
NMR में 70% की गिरावट
IMR में 71% की गिरावट
जबकि विश्व स्तर पर ये गिरावट क्रमशः 61%, 54% और 58% रही।
सावधानी और निवेश अब भी जरूरी
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:“हमने उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन हमारा लक्ष्य है कि कोई भी माँ या बच्चा पीछे न रह जाए। हमें वंचित क्षेत्रों में समान स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।”
केरल के नेतृत्व में और अन्य राज्यों की लगातार सुधरती स्थिति के साथ भारत 2030 के SDG लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में मजबूती से अग्रसर है। अब चुनौती है इस गति को बनाए रखना और क्षेत्रीय असमानताओं को खत्म करना। भारत की यह प्रगति न केवल राष्ट्रीय गर्व का विषय है, बल्कि विश्व स्तर पर स्वास्थ्य सुधार का एक आदर्श उदाहरण भी बन रही है।