सवालों में घिरी दिल्ली की मुफ्त राशन योजना, बड़ी संख्या में पायी गयी गड़बड़ी

लगभग 96,000 लोगों के पास निजी कारें हैं। लगभग 2.80 लाख लोग ज़मीन के मालिक, आयकरदाता और यहाँ तक कि पंजीकृत कंपनियों के निदेशक के रूप में सूचीबद्ध व्यक्ति भी हैं। 89,084 फर्जी हैं।;

Update: 2025-08-24 12:36 GMT

Delhi's PDS Scam : खाद्य एवं आपूर्ति (एफ एंड एस) विभाग द्वारा जारी आंकड़ों ने दिल्ली की मुफ्त राशन योजना में बड़ा खुलासा किया है। राजधानी के 72.77 लाख लाभार्थियों में से करीब 6.52 लाख (लगभग 10%) लोगों को अयोग्य पाया गया है।

यह योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत उन परिवारों के लिए चलाई जाती है जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से कम है। अधिकारियों का कहना है कि अयोग्य लाभार्थियों की पहचान केंद्र सरकार के राष्ट्रव्यापी राशन कार्ड सत्यापन अभियान के तहत हुई, जिसे पिछले साल जुलाई से दिल्ली में शुरू किया गया था। जनवरी 2024 से इस प्रक्रिया ने गति पकड़ी।

फर्जी लाभार्थियों का पर्दाफाश
जांच में सामने आया कि 89,084 लोगों ने एक से अधिक राज्यों में राशन कार्ड बनवा रखे थे। उदाहरण के तौर पर, एक ही परिवार दिल्ली और बिहार दोनों जगह से मुफ्त राशन ले रहा था। विभागीय सत्यापन के बाद अब तक 27,745 नकली राशन कार्ड रद्द करने की सिफारिश की गई है, जबकि 41,181 लाभार्थियों को वास्तविक मानते हुए बनाए रखा गया है।

सरकारी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई
कुछ समय पहले विभाग ने 5,261 सरकारी कर्मचारियों को अयोग्य पाए जाने पर नौकरी से बर्खास्त किया था। अब शेष अयोग्य लाभार्थियों की सूची क्षेत्रीय स्तर पर खाद्य आपूर्ति अधिकारियों (FSO) और निरीक्षकों (FSI) को भेज दी गई है।

योजना का लाभ कौन और कितना?
दिल्ली में कुल 17.46 लाख राशन कार्ड धारक हैं। इनमें से:
16.80 लाख प्राथमिकता परिवार (PHH) – हर सदस्य को प्रति माह 5 किलो अनाज (3 किलो गेहूं, 2 किलो चावल)
66,149 अंत्योदय अन्न योजना (AAY) परिवार – हर महीने 35 किलो अनाज (21 किलो गेहूं, 14 किलो चावल, 1 किलो चीनी)
जनवरी 2024 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत सभी पात्र परिवारों को अगले पाँच वर्षों तक मुफ्त राशन दिया जाएगा।

और भी चौंकाने वाले तथ्य
10,000 लाभार्थियों की मौत हो चुकी है, उनके नाम हटाए जाएंगे।
1,033 लाभार्थियों की उम्र 100-120 वर्ष दर्ज है, जिन्हें फर्जी मानकर हटाया जाएगा।
1.84 लाख “मूक” लाभार्थी – जिन्होंने न तो ई-केवाईसी पूरी की और न छह महीने से राशन लिया।
ऐसे परिवार जिनके पास दिल्ली के A से D श्रेणी (उच्च-वर्गीय इलाकों) में जमीन है, उन्हें भी अयोग्य करार दिया जाएगा।

ई-केवाईसी प्रक्रिया

अधिकारियों के अनुसार अब तक 80% राशन कार्ड धारकों का ई-केवाईसी सत्यापन पूरा हो चुका है। आधार से लिंक किए बिना ई-केवाईसी संभव नहीं है। सत्यापन की अंतिम रिपोर्ट 30 सितंबर तक केंद्र को सौंपनी है।

मंत्री का बयान

दिल्ली के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा,
“हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि कोई भी पात्र लाभार्थी अपने हक से वंचित न हो। सत्यापन प्रक्रिया जारी है और हम पारदर्शिता लाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”


Tags:    

Similar News