हिजाब विवाद : कर्नाटक सरकार ने प्रिंसिपल को शिक्षक दिवस पर पुरुस्कृत करने से रोका

उडुपी जिले के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की प्रिंसिपल ने कथित तौर पर शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब के इस्तेमाल का विरोध किया था, दो साल पहले राज्य में इस मुद्दे पर विवाद चरम पर था।

Update: 2024-09-05 17:27 GMT

Hijab Row Teacher's Day : कर्नाटक सरकार ने दो साल पहले राज्य में हिजाब बांधने को लेकर उठे विवाद के समय कथित तौर पर हिजाब विरोधी रुख अपनाने को लेकर एक सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार देने के अपने फैसले पर रोक लगा दी है. पुरुस्कार रोके जाने के निर्णय पर बीजेपी ने कर्णाटक की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि मुस्लिम समाज के विरोध के चलते ये निर्णय लिया गया है. वहीँ कर्णाटक सरकार के शिक्षा मंत्री का कहना है कि पुरुस्कार रद्द नहीं हुआ है, रोका गया है, जांच के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा.


शिक्षक दिवस पर मिलना था पुरुस्कार
सूत्रों के अनुसार उडुपी जिले के कुंदापुरा स्थित सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्राचार्य रामकृष्ण बी.जी. को आज शिक्षक दिवस के अवसर पर यह सम्मान मिलना था, लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ कार्यकर्ताओं की ओर से कांग्रेस सरकार की आलोचना के बाद इस निर्णय को स्थगित कर दिया गया. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि "शिक्षक के खिलाफ गुस्से का कारण हिजाब विवाद के दौरान उनका कथित रुख रहा."
एक सूत्र ने बताया, "सरकार ने पहले उनके नाम की घोषणा की थी लेकिन अब इसे रोक दिया गया है."

पुरुस्कार रोका गया है रद्द नहीं किया गया
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने स्पष्ट किया कि पुरस्कार केवल रोका गया है, रद्द नहीं किया गया है. मंत्री ने पीटीआई-भाषा से कहा, "जिन दिनों ये घटना हुई थी, उस समय इस संबंध में एक सरकारी आदेश था. उस समय शिक्षक का व्यवहार सवालों के घेरे में था. पुरस्कार की घोषणा के बाद मुझे यही जानकारी मिली. इसलिए मैंने विभाग से कहा है कि वो इसकी जांच करें और मुझे बताएं. इसलिए, तब तक इसे केवल रोका गया है. इसे रद्द नहीं किया गया है."
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह निर्णय आरोपों के आधार पर लिया गया है, तो उन्होंने कहा कि लोग आरोप और विवाद कहेंगे लेकिन उनका विभाग इसे उस तरह से नहीं देखता. बंगारप्पा ने कहा, "लेकिन यह मेरा कर्तव्य है कि मैं इसकी जांच करूं और अगला कदम उठाऊं."

गलत सही जांच के बाद चलेगा का पता
मंत्री ने आगे कहा, "अगर प्राचार्य राम कृष्ण गलत होते तो मैं तुरंत पुरुस्कार को रद्द कर देता. अगर वो सही होते तो मैं पहले ही पुरुस्कार दे देता. जब कोई बात सवालों के घेरे में होती है तो उसे जांचना मेरा कर्तव्य है, जो मैं करने जा रहा हूं. मैंने अपने अधिकारियों से यही करने को कहा है." उन्होंने लोगों से इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करने को कहा.

बीजेपी विधायक का आरोप मुस्लिम समुदाय के दबाव में सरकार
मैंगलोर सिटी नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक वाई भरत शेट्टी ने कर्णाटक की कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने "जिहादी तत्वों द्वारा बनाए गए दबाव" के आगे झुककर एक शिक्षक का अपमान किया है. शेट्टी ने कहा, "कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने रामकृष्ण बी जी को दिया गया सर्वश्रेष्ठ राज्य स्तरीय शिक्षक का पुरस्कार वापस लेकर बहुत शर्मनाक काम किया है. राज्य सरकार ने जांच सूची का पालन करने के बाद पुरस्कार की घोषणा की थी और उन्हें पुरस्कार के लिए योग्य पाया था."
भारत शेट्टी के अनुसार "पुरस्कार वापस लेने के पीछे मुख्य कारण यह है कि जिहादी तत्वों, एसडीपीआई और पीएफआई जैसे संगठनों ने ट्वीट किया कि इस शिक्षक को ये पुरस्कार नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि हिजाब मुद्दे के दौरान उन्होंने हिजाब पहनने वाली छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया था."

प्राचार्य ने सरकारी आदेश का किया था पालन
विधायक भारत शेट्टी ने कहा कि रामकृष्ण ने सरकारी कर्मचारी होने के नाते केवल उस समय के आधिकारिक आदेश का पालन किया था. "शिक्षक समुदाय के लिए यह बहुत अपमानजनक है कि आप एक पुरस्कार की घोषणा करते हैं और फिर उसे वापस ले लेते हैं क्योंकि कुछ जिहादी तत्व आपको ऐसा करने के लिए मजबूर कर रहे हैं." पीटीआई

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)


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