कर्नाटक कांग्रेस विवाद: डीके शिवकुमार क्यों बोले 'वादा निभाना' सबसे बड़ी ताकत

कर्नाटक CM की खींचतान के बीच डीके शिवकुमार ने वादे पूरे करने की ताकत पर ज़ोर दिया, कांग्रेस लीडरशिप बदलने पर विचार कर रही है और पार्टी के अंदर तनाव बढ़ रहा है

Update: 2025-11-27 09:49 GMT

Karnataka Congress Crisis : कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अंदरूनी खींचतान के बीच डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कांग्रेस हाईकमान को अप्रत्यक्ष संदेश देते हुए कहा कि वादे निभाना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है।



वादे जरूर निभाने चाहिए

शिवकुमार ने कहा कि चाहे कोई जज हो, राष्ट्रपति हो या कोई और - वादे निभाना सबसे बड़ी शक्ति है और इसका सम्मान होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एक कहावत है - वर्ड पावर इज़ वर्ल्ड पावर। यानी अपने शब्द पर कायम रहना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। जज हो, राष्ट्रपति हो या मैं खुद - हर किसी को अपने कहे के अनुसार चलना चाहिए।


कुर्सी की कीमत नहीं समझते

एक कार्यक्रम में उन्होंने संकेतों में कहा कि उनके पीछे खड़े लोग कुर्सी की कीमत नहीं समझते।

उन्होंने कहा कि जो मेरे पीछे खड़े हैं, वे कुर्सी की कीमत नहीं जानते। उन्हें जो भी कुर्सी मिलती है, उस पर बैठना चाहिए, लेकिन वे बेवजह खड़े रहते हैं।


नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच बयान

यह बयान ऐसे समय आया है जब सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच नेतृत्व परिवर्तन को लेकर तनाव बताया जा रहा है। शिवकुमार का कैंप दावा करता है कि 2.5 साल बाद रोटेशनल सीएम का फ़ॉर्मूला तय हुआ था, हालांकि उनके समर्थकों ने इस दावे का खंडन किया है।

इस बीच, भाजपा ने संकेत दिया है कि यदि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो वह शिवकुमार को बाहरी समर्थन देने पर विचार कर सकती है। पूर्व सीएम डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि इस पर अंतिम फ़ैसला पार्टी केंद्रीय नेतृत्व लेगा।


राहुल गांधी ने मांगी रिपोर्ट

कांग्रेस नेतृत्व बढ़ते विवाद को शांत करने की कोशिश में जुटा है। राहुल गांधी ने उन तनावों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जो सिद्धारमैया और शिवकुमार के समर्थकों के बीच बढ़ रहे हैं।

उन्हें कैबिनेट फेरबदल, जातीय समीकरणों और संभावित राजनीतिक प्रभावों पर भी जानकारी दी गई है।

बताया जा रहा है कि राहुल गांधी शिवकुमार द्वारा नेतृत्व परिवर्तन के समर्थन में विधायकों के हस्ताक्षर जुटाने की कथित कोशिशों से नाराज़ हैं। रिपोर्ट यह भी दावा करती है कि शिवकुमार ने सतिश जारकीहोली से सीधे बात कर सिद्धारमैया को इस्तीफ़ा देने के लिए मनाने में मदद मांगी, जो 2023 के कथित पावर-शेयरिंग समझौते की चर्चाओं को फिर हवा दे रहा है।


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