कई महिलाओं के साथ यौन शोषण के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आरोप पत्र दायर

विधायक एचडी रेवन्ना पर आईपीसी की धारा 354 और 354 (ए) के तहत आरोप लगाए गए हैं, जबकि उनके 33 वर्षीय बेटे प्रज्वल पर आईपीसी की धारा 376, 376 (2) (के), 354, 354 (ए) और 354 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

Update: 2024-08-24 08:00 GMT

Prajwwal Revanna Case : लोकसभा चुनाव के दौरान कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न करने के आरोपी पूर्व सांसद प्रज्व्वल रेवन्ना के खिलाफ आपराधिक जांच विभाग की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. एसआईटी ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार और उनके पिता एवं विधायक एचडी रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है.


2000 पन्नों की चार्जशीट, 150 गवाह
प्रज्वल के खिलाफ चार मामलों की जांच कर रही एसआईटी ने कहा कि उसके खिलाफ जो चार्जशीट दायर की गयी है, वो 2,000 से अधिक पन्नों की है. इस चार्जशीट में लग्भग 150 गवाहों के बयान दर्ज किये गए हैं. पुलिस के अनुसार जन प्रतिनिधियों के लिए एक विशेष अदालत में प्रस्तुत आरोप-पत्र, परिवार की घरेलू सहायिका पर कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों में से एक से संबंधित है. आरोप पत्र में मौके पर निरीक्षण, जैविक, भौतिक, वैज्ञानिक, मोबाइल, डिजिटल और अन्य प्रासंगिक साक्ष्य शामिल हैं, जो जांच के दौरान एसआईटी ने एकत्र किए थे.

विशेषज्ञों की राय के बाद तैयार की गयी चार्जशीट
एसआईटी ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल करने से पहले विशेषज्ञों की राय ली गई थी. पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा के बेटे विधायक रेवन्ना पर आईपीसी की धारा 354 और 354 (ए) के तहत आरोप लगाए गए हैं, जबकि उनके 33 वर्षीय बेटे प्रज्वल पर आईपीसी की धारा 376, 376 (2) (के), 354, 354 (ए) और 354 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

घरेलू नौकरानी ने की थी शिकायत
पिता-पुत्र के खिलाफ पहली शिकायत उनके घर पर काम करने वाले घरेलू सहायक की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी. पीड़िता, जो विधायक की पत्नी भवानी की रिश्तेदार भी थी, ने आरोप लगाया कि उसके साथ कई बार यौन उत्पीड़न किया गया. प्रज्वल ने हाल ही में हासन से एनडीए उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे. 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले, सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में अश्लील वीडियो सामने आए, जिनमें कथित तौर पर प्रज्वल द्वारा कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया. इसके बाद कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने जांच की मांग की थी और कांग्रेस सरकार को पत्र लिखा था, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए.

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)


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