मद्रासी कैंप ध्वस्त होने से दिल्ली में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
सीएम रेखा गुप्ता ने बाढ़ के डर से जंगपुरा में तोड़फोड़ का बचाव किया, जबकि आप नेताओं ने बेदखली की राजनीति के लिए भाजपा की आलोचना की। इस कार्रवाई के दौरान कोई नेता मौजूद क्यों नहीं था?;
Politics On Madrasi Colony Demolition: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बाढ़ के खतरे को लेकर जंगपुरा में हुई तोड़फोड़ का किया बचाव, तो AAP ने BJP पर 'बेदखली राजनीति' के आरोप लगाए; लेकिन हैरत की बात ये है कि तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान दोनों में से किसी भी दल के नेता मौके पर नहीं दिखे, क्यों ?
दिल्ली के जंगपुरा इलाके में स्थित मद्रासी कैंप की तोड़फोड़ के कुछ दिन बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सार्वजनिक रूप से इस कदम का बचाव किया है। उन्होंने बाढ़ रोकथाम और अदालत के आदेशों का हवाला देते हुए दशकों पुराने इस बस्ती को हटाने को जायज़ ठहराया।
रेखा गुप्ता के इस बयान के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का एक नया दौर शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर "विश्वासघात और दोहरी नीति" अपनाने का आरोप लगाया, खासकर जब विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं।
गुप्ता ने पूछा, “अगर दिल्ली में फिर से जानलेवा बाढ़ आती है, तो उसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?”—इस सवाल के ज़रिये उन्होंने अपनी सरकार के निर्णय को सही बताया।
AAP का पलटवार
दिल्ली के सांसद संजय सिंह और आप की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने तोड़े गए कैंप का दौरा किया और BJP को "राजनीतिक धोखाधड़ी" करने का दोषी ठहराया। नेताओं ने उन विस्थापित निवासियों से मुलाकात की जिन्होंने अचानक बेदखली पर नाराज़गी और दुख जताया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, “जिन लोगों ने अपने घर खोए, उन्होंने आप नेताओं से मिलकर अपना दुख और गुस्सा जाहिर किया।”
AAP नेताओं ने आरोप लगाया कि BJP ने फर्जी आंकड़ों के आधार पर जनता को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई नहीं थी, बल्कि एक राजनीतिक रणनीति थी जिसका मकसद हाशिये पर खड़े समुदायों को निशाना बनाना था।
कार्रवाई के वक्त नदारद रहे नेता
हैरानी की बात यह है कि तोड़फोड़ के दौरान न तो BJP और न ही AAP के कोई नेता मौके पर मौजूद थे। इस अनुपस्थिति ने राजनीतिक जवाबदेही और समय-चयन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए।
The Federal की एक रिपोर्ट में पहले ही बेदखली के दौरान प्रभावित परिवारों को आई दिक्कतों का ज़िक्र किया गया था, जिसमें जमीनी सहयोग की कमी और व्यवस्था के अभाव में फैले अराजकता की बात की गई थी।
रिपोर्ट की वीडियो टिप्पणी में कहा गया, “सवाल सिर्फ इतना है—अभी क्यों?”, जो इस तोड़फोड़ की राजनीतिक टाइमिंग और नेताओं की देरी से की गई विज़िट्स की ओर इशारा करता है।
(नोट: उपरोक्त सामग्री एक AI मॉडल द्वारा तैयार की गई है, जिसे हमारे अनुभवी संपादकीय दल द्वारा सत्यापित और संपादित किया गया है। The Federal में हम तकनीक और संपादकीय अनुभव के संयोजन से विश्वसनीय पत्रकारिता प्रस्तुत करते हैं।)