जम्मू-कश्मीर के जेल बन सकते हैं निशाना, बंद हैं कई खतरनाक आतंकी

पहलगाम हमले के बाद आतंकी जम्मू-कश्मीर की जेलों को निशाना बना सकते हैं। इन जेलों मे कई खुंखार और स्लीपर सेल के आतंकी बंद हैं।;

Update: 2025-05-05 05:25 GMT
पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकी जम्मू-कश्मीर के जेलों पर निशाना साध सकते हैं।

पहलगाम आतंकी हमले की जांच के बीच जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकवाद का खतरा मंडराने लगा है। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश की प्रमुख जेलों पर आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है। इसके चलते सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जेल परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।

जेलों को बनाया जा सकता है निशाना

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया इनपुट्स से संकेत मिला है कि आतंकवादी जम्मू की कोट बलवल जेल और श्रीनगर की सेंट्रल जेल को निशाना बना सकते हैं। इन जेलों में कई शीर्ष आतंकवादी और स्लीपर सेल के सदस्य बंद हैं, जिनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इन कैदियों पर आतंकवादियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट और शरण देने जैसे गंभीर आरोप हैं।

खबरों के अनुसार, CISF के महानिदेशक ने भी श्रीनगर में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ मुलाकात कर स्थिति की समीक्षा की है। यह उल्लेखनीय है कि 2023 में जम्मू-कश्मीर की जेलों की सुरक्षा CRPF से हटाकर CISF को सौंप दी गई थी, जिससे व्यवस्था और अधिक केंद्रीयकृत की गई है।

पुंछ में आतंकियों का ठिकाना उजागर, IED बरामद

सुरक्षा बलों को पुंछ जिले के सुरनकोट क्षेत्र में एक आतंकवादी ठिकाना मिला है। वहां से टिफिन बॉक्स में तीन और लोहे की बाल्टियों में दो IED बरामद किए गए हैं। हालांकि इस ऑपरेशन को लेकर अभी आधिकारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सुरक्षाबलों की कार्रवाई से स्पष्ट है कि आतंकी गतिविधियां लगातार जारी हैं।

पहलगाम हमले के बाद सतर्कता 

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद से सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में हैं। हमले के जिम्मेदार आतंकियों की तलाश अभी भी जारी है। इस घटना ने पूरे सुरक्षा तंत्र को झकझोर कर रख दिया है और घाटी में फिर से आतंकवाद के नेटवर्क को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के छिपे होने की आशंका

NIA सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादी दक्षिण कश्मीर में सक्रिय और छिपे हुए हो सकते हैं। पूर्व रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए बताया गया है कि हमले के दौरान बैसरन क्षेत्र में अतिरिक्त आतंकी मौजूद थे, जिन्होंने संभवतः कवर फायर देकर मुख्य हमलावरों को सुरक्षित भागने में मदद की। यह संकेत देता है कि इस हमले की योजना बड़ी और संगठित थी।सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और संगठित कार्रवाई इस बढ़ते खतरे को काबू में ला सकती है।

Tags:    

Similar News