'मेरी फीस 100 करोड़' बिहार में किसी ने नहीं सुना होगा प्रशांत किशोर जैसी फीस के बारे में

प्रशांत किशोर ने एक जनसभा में ये दावा किया कि उनकी चुनावी रणनीति तैयार करने की सलाह 100 करोड़ या उससे ज्यादा होती है.

Update: 2024-11-02 10:30 GMT

Prashant Kishore : राजनितिक रणनीति तैयार करने से लेकर खुद का राजनितिक दल खड़ा करने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है. प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि वो चुनावी रणनीति तैयार करने या उससे जुड़ी सलाह देने के लिए राजीनीतिक दलों से छोटी मोती रकम नहीं बल्कि 100 करोड़ या उससे भी ज्यादा की रकम वसूलते हैं. अब ये सवाल उठता है कि आखिर प्रशांत किशोर ने सार्वजानिक तौर पर ये खुलासा क्यों किया? तो इसका इशारा भी मिल जायेगा. दरअसल प्रशांत किशोर ने ये खुलासा एक चुनावी रैली में जनता के सामने किया, साथ ही ये भी कहा कि उनकी पार्टी जनसुराज के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. इसका एक मतलब ये भी हो सकता है कि प्रशांत किशोर लोगों को ये विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उनकी राजनितिक पार्टी पैसों के चलते किसी से कमजोर नहीं पड़ने वाली है.


बेलागंज में बोलते हुए किया खुलासा
बिहार में भी उपचुनाव होने हैं, जिसके लिए पार्टी और उम्मीदवार प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं. प्रशांत किशोर भी इसी क्रम में बेलागंज में एक चुनावी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने वहां मौजूद लोगों के सामने कहा कि लोग अक्सर उनसे उनके प्रचार के लिए धन के स्रोत के बारे में सवाल करते हैं. इसलिए मैं आज उन्हें जानकारी दे रहा हूँ.

बिहार में मेरी तरह फीस किसी ने नहीं ली होगी
इंडिया टुडे ने प्रशांत किशोर के हवाले से कहा, "अलग-अलग राज्यों में दस सरकारें मेरी रणनीतियों पर चल रही हैं. क्या आपको लगता है कि मेरे पास अपने अभियान के लिए टेंट और छतरियां लगाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होंगे? क्या आपको लगता है कि मैं इतना कमज़ोर हूँ? बिहार में, किसी ने मेरी तरह की फीस के बारे में नहीं सुना है. अगर मैं किसी को सिर्फ़ एक चुनाव में सलाह देता हूँ, तो मेरी फीस ₹100 करोड़ या उससे भी ज़्यादा होती है. अगले दो सालों तक, मैं सिर्फ़ एक ऐसी चुनावी सलाह से अपने अभियान को फ़ंड करना जारी रख सकता हूँ."

चार विधानसभा सीटों के लिए है उपचुनाव
बेलागंज के अलावा इमामगंज, रामगढ़ और तरारी विधानसभा क्षेत्रों में भी उपचुनाव होने हैं. ये सभी सीटें इस साल की शुरुआत में खाली हुई थीं, जब उनके विधायकों ने लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था. जन सुराज उपचुनावों की तैयारी कर रहा है, किशोर का ध्यान चारों विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत उम्मीदवार उतारने पर है.

मुसलमानों को विश्वास में लिए बगैर लागू नहीं किया जा सकता सामान नागरिक संहिता
जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार देश में समान नागरिक संहिता को तब तक लागू नहीं कर सकती जब तक कि मुस्लिम समुदाय को विश्वास में नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कानून बनाने से पहले सरकार को उन लोगों का विश्वास जीतना चाहिए जो इससे प्रभावित होंगे.
प्रशांत किशोर भारत में कई प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ एक राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके हैं. वे सबसे पहले नरेंद्र मोदी के 2014 के लोकसभा अभियान के लिए प्रमुख रणनीतिकार के रूप में सुर्खियों में आए, जिससे भाजपा को चुनावों में व्यापक जीत हासिल करने में मदद मिली.
उन्होंने कांग्रेस के साथ भी काम किया और 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत का मार्ग प्रशस्त किया. उन्होंने 2019 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए जगन मोहन रेड्डी को भी सलाह दी, जिसके परिणामस्वरूप वाईएसआरसीपी को बड़ी जीत मिली. उनकी रणनीति ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में टीएमसी को सत्ता में बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


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