तमिलनाडु में वोटर लिस्ट से अब तक 58.9 लाख से ज्यादा मतदाताओं का पत्ता साफ, SIR अभियान के तहत कार्रवाई

SIR ड्राइव में मौत, घर बदलने, ग़ायब होने और डुप्लिकेट मामलों का खुलासा; अधिकारी BLO सत्यापन को जिम्मेदार बताते हैं, आलोचक मताधिकार छीने जाने का खतरा बताते हैं

Update: 2025-12-02 10:41 GMT
तमिलनाडु में गलत तरीके से हटाए गए मतदाताओं के लिए पुनः शामिल किए जाने की अपील प्रक्रिया खुली है। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 6,41,14,587 है और संशोधित सूची जल्द अंतिम रूप लेने की उम्मीद है। (फ़ाइल फोटो)
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2026 के विधानसभा चुनावों से पहले, तमिलनाडु के चुनाव अधिकारियों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत अब तक मतदाता सूची से 58.9 लाख से अधिक नाम हटा दिए हैं। 29 नवंबर 2025 तक संकलित यह नवीनतम डेटा घर-घर चलाए गए सत्यापन अभियान से जुड़ा है, जिसमें उन नामों की पहचान कर उन्हें हटाया गया, जिनके हटने के कारणों में मृत्यु, स्थायी रूप से घर बदलना, अनुपस्थित/अनट्रेस्ड होना, डुप्लिकेट नामांकन और अन्य विसंगतियां शामिल हैं।

अयोग्य या सत्यापन-योग्य नहीं

जिला और विधानसभा क्षेत्रवार जारी प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, कुल 58,91,085 फ़ॉर्म ऐसे मिले जिन्हें एकत्र नहीं किया जा सका—यह संकेत है कि ये मतदाता अब योग्य नहीं हैं या उनका सत्यापन संभव नहीं हो सका। यह संख्या तमिलनाडु की 234 विधानसभा सीटों में वितरित कुल 6,32,00,897 चुनावी फ़ॉर्म (EFs) का लगभग 9.19% है।

अब तक की कुल प्रक्रिया

डिजिटाइज़्ड और अनुपलब्ध (uncollectable) दोनों तरह के फ़ॉर्म मिलाकर अब तक 5,40,30,779 प्रविष्टियों की प्रोसेसिंग पूरी हो चुकी है, जो कुल वितरित फ़ॉर्म का 84.27% है।

किन श्रेणियों के तहत नाम हटाए गए

मृत: 23,83,775 मतदाता (सबसे बड़ी श्रेणी, जो स्वाभाविक मृत्यु के कारण सूची अपडेट की आवश्यकता को दर्शाती है)

स्थायी रूप से स्थानांतरित: 27,01,050 मतदाता (राज्य के भीतर और बाहर पलायन का संकेत)

अनुपस्थित/अनट्रेस्ड: 5,19,135 मतदाता

डुप्लिकेट नामांकन: 2,73,490 मतदाता

अन्य कारण: 13,635 मतदाता (विस्तार से नहीं बताया गया)

SIR प्रक्रिया का उद्देश्य एक स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची तैयार करना है। अभी तक 75.08% यानी 4,81,39,694 फ़ॉर्म डिजिटाइज हो चुके हैं।

मुख्य कमियाँ

अभ्यास के दौरान 80,38,439 प्रविष्टियाँ ऐसी पाई गईं जो “अनमैप्ड” रहीं — यह सत्यापित फ़ॉर्म का 12.54% है। वजह अक्सर अधूरी जानकारी या सत्यापन में दिक्कतें रहीं।

चेन्नई में अधिक हटाए गए नाम

जिला-स्तरीय डेटा बताता है कि चेन्नई जैसे शहरी इलाकों में उच्च प्रवासन दर के कारण हटाए गए नामों की संख्या अधिक रही। दूसरी ओर, ग्रामीण जिलों — जैसे कृष्णागिरी और धर्मपुरी — ने 90% से अधिक कवरेज के साथ बेहतर प्रदर्शन किया।

BLO सत्यापन और आंकड़े

अधिकारियों ने इन हटाए गए नामों का कारण बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की सख्त जांच को बताया। BLO सत्यापन में 1,67,15,608 प्रविष्टियाँ “स्वयं” (26.07%) और 2,33,85,646 “परिवार के सदस्य/संतान” (36.47%) के रूप में चिन्हित की गईं।

चुनावी शुचिता

चुनाव आयोग का दावा है कि यह साफ-सफाई प्रक्रिया फर्जी मतदान को रोककर चुनावी शुचिता को मजबूत करेगी। गलत तरीके से हटाए गए मतदाता अपील कर सकते हैं। राज्य में कुल मतदाता 6,41,14,587 हैं और संशोधित सूची जल्द जारी होने वाली है।

हालाँकि, आलोचकों का कहना है कि इस प्रक्रिया में लोगों के मताधिकार खोने का खतरा है और “अन्य” श्रेणी में अधिक पारदर्शिता की जरूरत है।

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