तिरुपति लड्डू केस में आस्था-अखाड़ा का जिक्र, स्पेशल SIT के हवाले जांच

तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है। अदालत ने कहा कि यह आस्था का सवाल है और इसकी जांच होनी चाहिए।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-10-04 08:00 GMT

Tirupati Laddu Row:  तिरुपति लड्डू विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। इस मामले की जांच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम करेगी। इसमें सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश सरकार के दो अधिकारी और एफएसएसएआई का एक अफसर शामिल होगा। अदालत ने फैसला सुनाते समय कुछ तल्ख टिप्पणी भी की है। जैसे इस कोर्ट को राजनीति का अखाड़ा नहीं बना सकते। यह आस्था का सवाल है लिहाजा किसी तरह से शक सुबहा नहीं रहे यह जरूरी है। लड्डडू में पशुओं की चर्बी को लेकर जिस तरह से हो हल्ला मचा। आंध्र प्रदेश के सीएम ने जिस तरह से सवाल उठाया। वैसी सूरत में सच तो सामने आना ही चाहिए। 

राजनीतिक नाटक का मतलब नहीं

यह देखते हुए कि वह अदालत को राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देगा।  जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं सहित कई याचिकाओं पर आदेश पारित किया।पीठ ने कहा, “हम नहीं चाहते कि यह एक राजनीतिक नाटक में बदल जाए।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि अगर आरोपों में कोई सच्चाई है, तो यह अस्वीकार्य है। उन्होंने खुद इस मामले को समझा है, एक बात बहुत स्पष्ट है। अगर इस आरोप में सच्चाई का कोई तत्व है, तो यह अस्वीकार्य है।  भक्त दुनिया भर में फैले हुए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिनियम भी इसमें शामिल है। एसआईटी के सदस्यों के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला। वे अपना काम करने में सक्षम और योग्य हैं। उन्हें केंद्र सरकार के पुलिस बल के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा निगरानी में रखा जाना चाहिए, जो एसआईटी के सदस्यों से वरिष्ठ है। एक अखिल भारतीय परिप्रेक्ष्य होगा। इससे विश्वास पैदा होगा और जांच जारी रह सकती है।

इससे पहले अदालत में 30 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने मेहता से यह तय करने में सहायता करने को कहा था कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए। इसने शीर्ष विधि अधिकारी से इस मुद्दे पर विचार करने और इस संबंध में सहायता करने को कहा था।

विवाद कब शुरू हुआ
लड्डू के मुद्दे पर विवाद तब शुरू हुआ था जब आंध्र प्रदेश में  तेलुगु देशम पार्टी की सरकार ने लड्डू में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की “शुद्धता” पर संदेह जताया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की। रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि भक्तों के बीच प्रतिदिन वितरित किए जाने से पहले देवता को चढ़ाए जाने वाले लड्डू पशु और वनस्पति वसा से दूषित थे।

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