आज सामने आएगा यूपी बीजेपी के नए ‘चौधरी’ का नाम- आज नामांकन, रविवार को औपचारिक ऐलान

नए अध्यक्ष के नाम का अभी तक बीजेपी की ओर से औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है।लेकिन अब यह तय हो गया है कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महराजगंज से सांसद पंकज चौधरी ही यूपी की बीजेपी की कमान संभालेंगे।

By :  Shilpi Sen
Update: 2025-12-13 03:59 GMT
पंकज चौधरी हो सकते हैं यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष

यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष का चेहरा आज सामने आ जाएगा।आज केंद्र से भेजे गए नेताओं की मौजूदगी में नए प्रदेश अध्यक्ष का नामांकन होगा और कल नाम की घोषणा की जाएगी।अब तक अटकलों का दौर चलता रहा लेकिन अब यह बात लगभग साफ़ हो गई है कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की ताजपोशी यूपी चीफ के तौर पर बीजेपी करने वाली है।इससे यह भी तय हो गया है कि बीजेपी सपा के पीडीए( PDA) के काट के तौर पर ओबीसी वोट बैंक पर अपना फोकस बढ़ा रही है और पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।

शनिवार मो नामांकन, रविवार को घोषणा-

यूपी बीजेपी अध्यक्ष के लिए चुनाव की प्रक्रिया आज शुरू हो जाएगी।पार्टी से मिली जानकारी के अनुसार दोपहर 2 से 3 बजे तक पार्टी मुख्यालय में नए अध्यक्ष प्रत्याशी के नामांकन की प्रक्रिया होगी। इसके साथ ही रविवार को नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है, जिसके बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति का इंतजार लंबे समय से चल रहा था।पार्टी नियमों के अनुसार चुनाव के लिए मतदाता सूची भी जारी की गई है।इसमें 5 सांसद, 8 विधान परिषद सदस्य, 26 विधानसभा सदस्य और जिला अध्यक्ष शामिल हैं।

पार्षदी से शुरू किया राजनीतिक सफ़र-

नए अध्यक्ष के नाम का अभी तक बीजेपी की ओर से औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है।लेकिन अब यह तय हो गया है कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महराजगंज से सांसद पंकज चौधरी ही यूपी में बीजेपी की कमान संभालेंगे।पंकज चौधरी ओबीसी(OBC) हैं और कुर्मी जाति से आते हैं और पार्टी नेतृत्व की पसंद माने जा रहे हैं।बीजेपी नेतृत्व ने 2027 के लिए रणनीति के तहत काफ़ी सोच समझकर पंकज चौधरी का नाम चुना है।पंकज चौधरी का लंबे समय से पार्टी में सक्रिय होना, शून्य से शुरू कर राष्ट्रीय राजनीति में पहुंचना उनके पक्ष में गया।1989 में गोरखपुर नगर निगम में पंकज चौधरी ने पार्षदी का चुनाव लड़ा था।चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उनका राजनीतिक सफ़र आगे ही बढ़ता गया।

1991 में लोकसभा चुनाव में पार्टी ने पंकज चौधरी को महाराजगंज से प्रत्याशी बनाया।27 साल की उम्र में पंकज चौधरी पहली बार सांसद बन गए।उसके बाद पंकज चौधरी लगातार बीजेपी को महाराजगंज में मज़बूत करते गए।पंकज चौधरी 7 बार सांसद बने।वहीं उनके नेतृत्व में महाराजगंज जिले में बीजेपी ने कामयाबी हासिल करनी शुरू की।इस समय जिले की 5 विधानसभाओं में 4 पर बीजेपी का क़ब्ज़ा है।पंकज चौधरी को यूपी का प्रमुख कुर्मी चेहरा माना जाता है।हालांकि उन्होंने संगठन में बहुत ज़्यादा काम नहीं किया। लेकिन कहा जा रहा है कि बीजेपी ने 2027 की रणनीति को देखते हुए बहुत सोच समझकर इस नाम पर मुहर लगायी है।इसके अलावा पंकज चौधरी कभी किसी विवाद में नहीं रहे।उन्हें शालीन और ज़मीनी नेता माना जाता है।पार्टी में अक्सर नेताओं कर लगते गुटबाज़ी के आरोप से अलग पंकज चौधरी निर्विवाद रहे।

‘ग़ैर यादव ओबीसी’ केंद्रित राजनीति का संकेत-

पंकज चौधरी को अध्यक्ष बनाने से बीजेपी की आगामी राजनीति का भी संकेत मिल रहा है।2027 के चुनाव में बीजेपी ओबीसी केंद्रित राजनीति के साथ आगे बढ़ेगी।2024 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह समाजवादी पार्टी के पाले में ग़ैर यादव ओबीसी आए हैं उसमें बड़ा हिस्सा कुर्मी वोटरों का भी है।ओबीसी वर्ग में यादव के बाद सबसे ज़्यादा संख्या कुर्मी मतदाताओं की ही है। बीजेपी के लिए कुर्मी पर फोकस करके इस वोट को वापस लेना चुनौती है।ऐसे में पंकज चौधरी पर पार्टी ने भरोसा किया कि कुर्मी वोटों के बिखराव को रोकते हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के विजय रथ को आगे ले जाएँगे। फ़िलहाल राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े की मौजूदगी में 13 दिसम्बर को नामांकन और 14 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में नए अध्यक्ष की घोषणा के साथ यूपी बीजेपी का इंतज़ार ख़त्म होगा और पार्टी 2027 विधानसभा चुनाव के लिए जुट जाएगी।

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