द फ़ेडरल देश की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जा कर स्थिति को समझा. डीएम ईस्ट आमोल श्रीवास्तव ने बताया कि फिलहाल यमुना का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर है. लेकिन अभी हालात ऐसे नहीं हैं कि लोगों को बाहार निकाला जाए.रविवार को हरियाणा के हथिनी कुण्ड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया था, जिसके बाद से यमुना नदी में पानी खतरे के निशान के ऊपर से पहुँच गया. लेकिन मंगलवार को पानी उतरना शुरू हुआ है. सोमवार के मुकाबले पानी थोडा कम हुआ है. उम्मीद है कि अब पानी नहीं बढ़ना चाहिए. यहाँ प्रशासन अलर्ट है. एसडीआरएफ, बोट क्लब, सिविल डिफेंस के वालंटियर तैनात किये गए हैं. दो तरह से सर्विलांस की जा रही है. बोट के सहारे निगरानी रखते हुए यमुना के किनारे से बिलकुल सटे जो इलाके हैं, वहां पर पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम की मदद से लोगों को पानी बढ़ने को लेकर जानकारी दी जा रही है. लोगों को बताया जा रहा है कि अगर पानी ज्यादा बढ़ता है तो उन्हें सुरक्षित स्थान पर जाना होगा. दिल्ली सरकार की तरफ से जगह जगह पर टेंट आदि लगाकर शेल्टर कैंप बनाए जा रहे हैं. 2023 जैसे हालत दिल्ली में न बने इसे लेकर दिल्ली सरकार के आला अधिकारियों के साथ साथ खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता व अन्य मंत्री भी निगरानी रखे हुए हैं.
बोट क्लब के इंचार्ज हरीश कुमार का कहना है कि हथिनी कुण्ड बैराज से 1 लाख 78 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जिसके बाद यमुना में पानी काफी बढ़ गया. यमुना में जल स्टार 205.95 तक पहुँच गया था लेकिन मंगलवार सुबह से ये कम होना शुरू हुआ है. दोपहर 2 बजे तक पानी का स्तर 205.77 था. अब पानी बढ़ने की उम्मीद कम है, लेकिन हथिनी कुण्ड से पानी अगर ज्यादा छोड़ा जाता है तो फिर पानी का स्तर बढ़ सकता है. डीएम ईस्ट की दिशा निर्देश पर काम चल रहा है. 25 बोट मैदान में हैं. बोट पर 2 डाइवर हैं, लाइफ जैकेट हैं. यमुना के किनारे पर जो रिहायशी इलाके हैं, वहां पर मुनादी कराई जा रही है कि वो पानी में न आयें, डूबने का खतरा हो सकता है. लोगों से कहा जा रहा है कि अगर पानी बढ़ता है तो फिर किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएँ.
द फ़ेडरल देश की टीम ने यमुना बाज़ार जाकर स्थिति का जायजा लिया तो पाया कि यमुना किनारे घाट पर पंडों के घर हैं, वहां पानी आ चुका है. बिंदु पांडे नमक महिला ने कहा कि वो परिवार समेत घर की छत पर शिफ्ट हो गयी हैं. इलाके में बिजली काट दी गयी है और पीने का पानी भी नहीं है. बच्चे छोटे हैं. हम यहाँ से इसलिए नहीं जा रहे हैं क्योंकि घर में सामान है. दूसरी जगह जाने का कोई साधन नहीं है. बिंदु पांडे ने बताया कि 2023 में जब बाढ़ आई थी, तो यहाँ काफी गंदगी हो गयी थी. लेकिन उसके बाद डेंगू हो गया था. पानी उतरने के बाद गंदगी तुरंत साफ़ हो जाए. घाट पर ही रहने वाले गणेश ने बताया कि पानी कम तो हुआ है लेकिन सांप आदि भी आ गए हैं. इसलिए हम लोग थोड़े असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. अपना सामान भी नहीं छोड़ सकते.
यमुना बाज़ार में लगाये गए बचाव कैंप में रह रही महिलाओं का कहना है कि पानी बढ़ने की वजह से घर छोड़ कर टेंट में रहना पड़ रहा है क्योंकि लाइट कटी हुई है. सांप भी आ गए हैं. बच्चों के साथ वहां रहना सुरक्षित नहीं है, इसलिए हम टेंट में रहने आ गए हैं.