पद IAS कैडर के, तैनाती IPS अफसरों की ! तेलंगाना सरकार से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

हैदराबाद के एक वकील वाडला श्रीकांत ने एक याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ता के वकील विजय गोपाल का कहना है कि सरकार का फैसला और खासतौर से जीओ 1342 (जारी 26 सितंबर) जारी करना उन केंद्रिय कानूनों का उल्लंघन है, जो दो भारतीय सेवाओं की अलग-अलग भूमिकाओं और ज़िम्मेदारियों के बारे में बताते हैं

Update: 2025-12-02 09:05 GMT
इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 10 दिसंबर तारीख तय की गई है

पद आईएएस कैडर के लेकिन वहां तैनात हैं आईपीएस कैडर के अधिकारी। और ऐसा हो रहा है तेलंगाना में। इसीलिए IAS यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर के पदों पर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों की नियुक्ति पर तेलंगाना हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।

अदालत में एक याचिका दाखिल हुई थी, जिसमें विशेष रूप से तीन अधिकारियों का जिक्र किया गया है। ये IPS अधिकारी उन पदों को संभाल रहे हैं, जो आमतौर पर IAS कैडर के पास होते हैं। इनमें IPS स्टीफन रविंद्र हैं, जो सिविल सप्लाइज कमिश्नर और एक्स ऑफिशियो प्रधान सचिव के तौर पर काम कर रहे हैं।

इनके अलावा IPS शिखा गोयल, जो विजिलेंस एंड एनफोर्समेंट में महानिदेशक हैं। साथ ही हैदराबाद के पूर्व आयुक्त सीवी आनंद का नाम है, जो गृह विभाग का विशेष मुख्य सचिव बनाया गया है।

याचिका में कहा गया है कि इस तरह की नियुक्तियां नियमों का उल्लंघन करती हैं क्योंकि तेलंगाना सरकार का फैसला उन केंद्रीय कानूनों का उल्लंघन है, जो दो भारतीय सेवाओं की अलग-अलग भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में बताते हैं। हाईकोर्ट ने इस तरह के फैसलों के पीछे कानूनी वजह बताने के लिए सरकार से कहा है।

वैसे मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IPS अधिकारियों की प्रधान सचिव रैंक पर नियुक्तियों का चलन साल 2014 में बीआरएस सरकार के समय से चला आ रहा है। हाईकोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 10 दिसंबर तारीख तय की गई है।

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