जयप्रकाश नारायण सेंटर का संचालन अब एलडीए करेगा, योगी कैबिनेट का फैसला

योगी कैबिनेट ने आज कई अहम फैसलों को मंज़ूरी दी। JPNIC का संचालन अब एलडीए करेगा। इसके साथ ही अखिलेश सरकार में इस बिल्डिंग के संचालन के लिए बनी सोसाइटी को भंग कर दिया गया है।;

By :  Shilpi Sen
Update: 2025-07-03 11:41 GMT

योगी कैबिनेट ने आज जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC ) को एलडीए को सौंपने के फैसले पर मुहर लगा दी। इसके साथ ही जेपीएनआईसी (JPNIC) के प्रबंधन के लिए बनी सोसाइटी को भी भंग कर दिया है। अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाली इस इमारत को लेकर बड़ा फ़ैसला हुआ है। ये लखनऊ की वही इमारत है जिसकी गेट फाँदकर अखिलेश यादव अंदर गए थे। अब इस इमारत की मरम्मत लखनऊ विकास प्राधिकरण करवाएगा।

JPNIC का संचालन अब एलडीए करेगा

योगी कैबिनेट की अहम बैठक लखनऊ में हुई। इसमें 30 प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई। सबसे बड़ा और अहम फ़ैसला लखनऊ के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर को लेकर हुआ है। इसे अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। जेपीएनआईसी का संचालन अब लखनऊ विकास प्राधिकरण( LDA) को हस्तांतरित कर दिया गया है। एलडीए अब इस इमारत की मरम्मत कराएगा। इसके संचालन के लिए सपा सरकार में बनी सोसाइटी को भी भंग कर दिया गया है। यह वही इमारत है जिसमें प्रशासन के रोकने पर अखिलेश यादव गेट फाँदकर अंदर गए थे। योगी कैबिनेट के फैसलों की जानकारी मंत्री सुरेश खन्ना ने दी।

जेपीएनआईसी (JPNIC) बिल्डिंग को शासन द्वारा अब तक अवमुक्त 821.74 करोड़ रुपए को एलडीए के पक्ष में ऋण स्थानांतरित किया गया है जिसे 30 साल में चुकाना होगा। हालाँकि एलडीए को हस्तांतरित करने के बाद इसमें कई सुविधाएं भी बढ़ायी जाएंगी। इसमें ऑडिटोरियम, कन्वेंशन सेंटर, विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और मल्टीपर्पज़ स्पोर्ट्स कोर्ट की सुविधा भी होगी। इसके अलावा 750 कार पार्किंग के लिए मल्टीलेवल पार्किंग भी होगी। जेपीएनआईसी का निर्माण 2013 में अखिलेश सरकार ने शुरू किया था। उस वक्त इसके निर्माण में 800 करोड़ से ज़्यादा की लागत आयी थी।इस प्रोजेक्ट कर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे। 2017 में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद परियोजना की जाँच शुरू की गई। कैग की रिपोर्ट में बिना टेंडर के काम कराने और लागत में गैरज़रूरी वृद्धि जैसे गंभीर आरोप सामने आए थे।

लिंक एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को मंज़ूरी

योगी कैबिनेट ने आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जोड़ने के लिए 49.960 किमी का लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण को मंजूरी दी। इसमें 4776 करोड़ रु की लागत आएगी। इसके अलावा बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (BIDA) एरिया के अंतर्गत आने वाले न्यू इंडस्ट्रियल टाउनशिप योजना प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी। उत्तरप्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति के तहत कम्पनियों को ‘सब्सिडी’ और ‘लेटर ऑफ कंफर्ट’ जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इससे निवेश बढ़ने की उम्मीद है।

देश में 1 लाख युवाओं को रोज़गार देगी सरकार

योगी कैबिनेट में ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन' के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी। इस प्रस्ताव के तहत आगामी एक वर्ष में 25 से 30 हजार बेरोजगारों को देश के बाहर और 1 लाख युवाओं को प्रदेश के निजी क्षेत्र में रोज़गार उपलब्ध करने का लक्ष्य रखा गया है। कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव कारखानों में कामगार महिला वर्करों के सम्बंध में नियमावली संशोधन का भी रखा गया है। इस प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गयी है।

अयोध्या के पास बनेगा एनएसजी हब

कैबिनेट ने अयोध्या और आस-पास के क्षेत्र की सुरक्षा के लिए एक अहम प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। अयोध्या में NSG हब का निर्माण कराया जाएगा और उसे भारत सरकार को हस्तांतरित किया जाएगा। वन विभाग में इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम बनाने के लिए भी प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। परिवहन विभाग के अन्तर्गत प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 की धारा 4 व धारा ४ (9) में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी जिससे अब वन टाइम टैक्स की व्यवस्था की जाएगी। भाषा विभाग के तहत उत्तरप्रदेश भाषा संस्थान के कार्मिकों की रिटायरमेंट की उम्र 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी है।

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