क्या 5 साल में इन तीन नौकरियों पर होगा AI का खतरा, सामने आई जानकारी
AI के बढ़ते इस्तेमाल से नौकरियों पर संकट खड़ा हो सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार 5 साल में डेटा एंट्री, टेलीकॉलिंग और कस्टमर सर्विस जैसी नौकरियां पर असर की संभावना है।;
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने के बाद से जॉब मार्केट में चिंता का माहौल है. कई बड़ी कंपनियों ने AI के उपयोग की शुरुआत करते ही कर्मचारियों की छंटनी कर दी है. भारत में भी AI का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. जिस काम को इंसानों को करने में कई दिन लगते थे, AI वही काम मिनटों में कर देता है. यही वजह है कि कंपनियां अब मानव संसाधन की जगह AI को प्राथमिकता देने लगी हैं.
हाल ही में ServiceNow की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि आने वाले पांच साल में भारत में तीन प्रकार की नौकरियां पूरी तरह खत्म हो जाएंगी.
कौन सी नौकरियां होंगी खत्म?
रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीन तरह की नौकरियों पर सबसे बड़ा खतरा है:
डेटा एंट्री जॉब्स
टेलीकॉलिंग
बेसिक कस्टमर सर्विस
इन जॉब्स से जुड़े रोल्स AI टूल्स और ऑटोमेटेड सिस्टम्स से आसानी से पूरे किए जा सकते हैं. ये न केवल जल्दी होते हैं, बल्कि कंपनियों के लिए लागत भी कम कर देते हैं.
कंपनियों ने क्यों शुरू किया AI का इस्तेमाल?
कई कंपनियों ने पहले ही AI चैटबोट्स का इस्तेमाल शुरू कर दिया है.
बुकिंग,
फाइल मैनेजमेंट,
रिज्यूमे रिव्यू,
डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन
जैसे काम अब इंसानों की जगह AI कर रहा है. हाई-टेक कंपनियां तेजी से AI पर शिफ्ट हो रही हैं क्योंकि यह बिना ब्रेक लिए निरंतर काम करता है और कर्मचारियों से सस्ता है.
AI पर भरोसा क्यों कर रही हैं कंपनियां?
AI का उपयोग करने के पीछे कुछ बड़े कारण हैं:
कॉस्ट कटिंग: AI से कंपनियों के खर्च में बड़ी कमी आती है.
तेज़ी और दक्षता: AI इंसानों से कहीं तेज़ काम करता है.
24x7 उपलब्धता: AI को रेस्ट की ज़रूरत नहीं होती, यह लगातार काम करता है.
क्या AI केवल नौकरियां छीन रहा है?
रिपोर्ट भले ही चिंताजनक हो, लेकिन यह पूरी तरह नकारात्मक नहीं है. ServiceNow की रिपोर्ट में बताया गया है कि AI नए अवसर भी पैदा करेगा.
AI टूल्स को मैनेज करने,
इनके काम की जांच करने,
और इनके सही इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए नई नौकरियां बन सकती हैं.
इसका मतलब है कि AI जहां कुछ नौकरियां खत्म करेगा, वहीं टेक-आधारित नई भूमिकाओं के लिए रास्ते भी खोलेगा.