विमान में सबसे सुरक्षित सीट: दो प्लेन क्रैश के बाद सुरक्षा पर बहस शुरू, कहां बैठें– आगे, बीच में या पीछे?
safest seat on plane: हाल ही में हुई दो विमान दुर्घटनाओं पर चिंता के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई यात्रा अब भी यात्रा करने का सबसे सुरक्षित तरीका है.;
air travel safety: दो अलग-अलग देशों में पांच दिनों के अंतराल में हुई दो हवाई दुर्घटनाओं ने हवाई यात्रा की सुरक्षा पर बहस को फिर से शुरू कर दिया है. क्योंकि दुनिया भर के लोग नए साल 2025 का स्वागत करने के लिए अपने पसंदीदा छुट्टी वाली जगहों पर जाने के लिए तैयार हो रहे हैं.
बता दें कि 25 दिसंबर को कजाकिस्तान के अक्तौ के पास अजरबैजान एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें 38 लोग मारे गए. उसके चार दिन बाद रविवार (29 दिसंबर) को दक्षिण कोरिया के मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जेजू एयर का यात्री विमान उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसकी वजह से 179 लोगों की मौत हो गई. दोनों विमान दुर्घटनाओं के बाद, दुर्घटना की स्थिति में विमान के सबसे सुरक्षित हिस्से को लेकर बहस शुरू हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार, अज़रबैजान एयरलाइंस के विमान के पिछले हिस्से से जीवित बचे लोगों को बाहर निकाला गया।. दक्षिण कोरिया में भी, जो दो लोग बचे थे, वे विमान के पिछले हिस्से में थे.
हवाई जहाज़ पर सुरक्षित सीटें
क्या यह महज संयोग है या विमान का पिछला हिस्सा यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षा प्रदान करता है? जानिए विशेषज्ञों का क्या कहना है. साल 2015 में टाइम पत्रिका ने अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) के 35 साल के आंकड़ों का विश्लेषण किया और रिपोर्ट के अनुसार, विमान के आगे और बीच वाले हिस्से की तुलना में पीछे की सीटों पर मृत्यु दर कम थी और, बीच वाली सीट सबसे सुरक्षित है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्लेषण में पाया गया कि विमान के पिछले हिस्से की सीटों में मृत्यु दर 32 प्रतिशत थी. जबकि बीच के हिस्से में 39 प्रतिशत और आगे के हिस्से में 38 प्रतिशत थी. पंक्ति की स्थिति को देखते हुए, हमने पाया कि विमान के पिछले हिस्से की बीच की सीटों में सबसे अच्छे परिणाम (28 प्रतिशत मृत्यु दर) थे. सबसे खराब स्थिति केबिन के बीच के तीसरे हिस्से में गलियारे में स्थित सीटों की थी (44 प्रतिशत मृत्यु दर). इसके अलावा ग्रीनविच विश्वविद्यालय द्वारा 2008 में प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला देते हुए, जिसमें दुर्घटना के बाद आपातकालीन निकास के उपयोग पर अध्ययन किया गया था, कहा गया है, "दुर्घटना के बाद, जो लोग निकास के निकट होते हैं, उनके जीवित बाहर निकलने की संभावना अधिक होती है.
हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है, "बेशक, विमान दुर्घटना में मरने की संभावना इस बात से कम जुड़ी होती है कि आप कहां बैठे हैं और दुर्घटना के आसपास की परिस्थितियों से ज़्यादा जुड़ी होती है. अगर विमान की पिछली सीट पर प्रभाव पड़ता है तो बीच या आगे के यात्रियों की स्थिति पीछे के यात्रियों से बेहतर हो सकती है. हमने पाया कि कई दुर्घटनाओं में बचने की संभावना बेतरतीब थी- मरने वाले लोग बचने वालों के बीच अनियमित रूप से बिखरे हुए थे. यही कारण है कि FAA और अन्य एयरलाइन सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि विमान में कोई भी सीट सबसे सुरक्षित नहीं होती है.
'उड़ान सुरक्षित है'
पॉपुलर मैकेनिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, पीछे वाला केबिन सबसे अधिक सुरक्षित रहता है. उनके अनुसार, 1971 से अब तक अमेरिका में हुए 20 हवाई हादसों का विश्लेषण करने के बाद, पीछे बैठे लोगों के बचने की संभावना 69 प्रतिशत थी और सबसे कम 49 प्रतिशत बिजनेस/फर्स्ट क्लास में थी. विंग के आगे और विंग के ऊपर बैठे लोगों के बचने की संभावना 56 प्रतिशत थी. हाल की दो दुर्घटनाओं पर चिंता के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई यात्रा अब भी यात्रा का सबसे सुरक्षित तरीका है.
एम्ब्री-रिडल एयरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी में बोइंग सेंटर फॉर एविएशन एंड एयरोस्पेस सेफ्टी की एसोसिएट डायरेक्टर क्रिस्टी किरनन ने यूएसए टुडे को बताया कि कुल मिलाकर वाणिज्यिक विमानन अविश्वसनीय रूप से सुरक्षित है. हवाई जहाज़ पर सवार होने के बाद आप कार में बैठने की तुलना में हवाई अड्डे के रास्ते में कहीं ज़्यादा सुरक्षित होते हैं. यह समझ में आता है कि जब ऐसा कुछ बड़ा होता है तो लोग घबरा जाते हैं. लेकिन विमानन कई अतिरेकों के बावजूद अविश्वसनीय रूप से सुरक्षित है.