नेपाल में पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की बनीं अंतरिम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति भवन में दिलाई गई शपथ
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12th september live news: देश और दुनिया की तमाम उन छोटी-बड़ी खबरों से रूबरू कराएंगे, जिसका आपसे सीधा सरोकार है.
अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की ने शुक्रवार शाम राष्ट्रपति भवन 'शीतल निवास' में आयोजित एक समारोह में नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल की उपस्थिति में शपथ ली।
इससे पहले, कार्की ने साफ कर दिया था कि वह तभी अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगी यदि उन्हें ऊंचे पदों पर फैले भ्रष्टाचार और पुलिस की बेकाबू ताकत के इस्तेमाल, जिससे कम से कम 20 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई—की निष्पक्ष जांच करने की अनुमति दी गई।
उन्होंने कहा था, “अगर मेरे हाथ-पैर बांध दिए जाएंगे और मैं पूरी तरह से पंगु बना दी जाऊंगी, तो मुझे इस पद में कोई दिलचस्पी नहीं होगी।”
कार्की की यह टिप्पणी राष्ट्रपति पौडेल द्वारा बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में सामने आई, जिसमें नेपाल की तीन बड़ी राजनीतिक पार्टियों के नेता शामिल थे, सीपीएन (यूएमएल) के ओली, नेपाली कांग्रेस के शेर बहादुर देउबा और माओवादी सेंटर के पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये तीनों बड़े नेता कार्की की उस शर्त को मानने के पक्ष में बहुत उत्साहित नहीं थे, क्योंकि भ्रष्टाचार और पुलिस की ज्यादतियों की उच्चस्तरीय जांच उनके राजनीतिक दलों को बदनाम कर सकती थी, जो देश की लोकतंत्र की मुख्य आधारशिला माने जाते हैं।
हिंसक प्रदर्शनों के बाद के पी शर्मा ओली सरकार के गिरने से पैदा हुई राजनीतिक अनिश्चितता को खत्म करते हुए, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश 73 साल की सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया। इसके साथ ही वह देश का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गईं।
धमकी वाले मेल में यहां तक लिखा गया कि “आज का धमाका पिछले झांसों के संदेह को दूर कर देगा। दोपहर की नमाज़ के तुरंत बाद जज चैंबर में विस्फोट होगा। पुलिस ने ईमेल को गंभीर मानते हुए उसकी फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि मेल किस आईपी एड्रेस या सर्वर से भेजा गया, हेडर में छेड़छाड़ तो नहीं हुई और मेल भेजने वाले की पहचान कैसे की जा सकती है। साथ ही जिन नामों का जिक्र ईमेल में किया गया, उनकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव विक्रम सिंह पंवार ने कहा, “सुरक्षा तंत्र स्थिति का आंकलन कर रहा है। ईमेल को गंभीरता से लिया जा रहा है, लेकिन फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है। ईमेल में न सिर्फ तीन बम रखने का दावा था बल्कि उसमें राजनीतिक रूप से आपत्तिजनक बातें भी लिखी गई थीं। मेल में कुछ नेताओं का नाम लेकर उन्हें निशाना बनाने की धमकी दी गई।
चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें तमिलनाडु की पार्टी डीएमके (DMK) का भी जिक्र किया गया। मेल में लिखा गया कि “डॉ. एझिलान नागनाथन को डीएमके की कमान संभालनी चाहिए” और साथ ही उदयनिधि स्टालिन के बेटे इनबानिधि उदयनिधि को तेजाब से जलाने की धमकी दी गई।
दिल्ली पुलिस ने ईमेल मिलते ही तुरंत सुरक्षा-प्रोटोकॉल सक्रिय कर दिया। जजों को उनके कक्षों से बाहर निकाला गया और वकीलों, स्टाफ व आम लोगों को परिसर खाली करने का आदेश दिया गया। मौके पर बम निरोधक दस्ते (Bomb Squad), स्पेशल सेल और दिल्ली पुलिस की कई यूनिट पहुंचीं और कोर्ट परिसर की बारीकी से तलाशी शुरू की गई। आसपास के इलाकों को भी सील कर दिया गया।
दिल्ली हाईकोर्ट में बम धमकी की खबर से अफरातफरी मच गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लगभग 40 मिनट पहले एक ईमेल मिला जिसमें दावा किया गया कि कोर्ट परिसर में तीन बम लगाए गए हैं और दोपहर 2 बजे तक हाईकोर्ट खाली करा लिया जाए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सी पी राधकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।
सिक्किम के यांगथांग क्षेत्र में शुक्रवार सुबह बड़ा हादसा हुआ। ऊपरी रिम्बी में हुए भीषण भूस्खलन की चपेट में सात लोग आ गए। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग अब भी लापता हैं।एसपी गेजिंग शेरिंग शेरपा ने बताया कि तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। रेस्क्यू टीम, SSB के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर दो घायल महिलाओं को बचाया। पीड़ितों तक पहुँचने के लिए ह्यूम नदी पर पेड़ों के लट्ठों से अस्थायी पुल बनाया गयाघायल महिलाओं को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान एक महिला ने दम तोड़ दिया। लापता लोगों की तलाश के लिए राहत और बचाव अभियान जारी है।
सीपी राधाकृष्णन आज भारत के उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। बता दें कि 9 सितंबर को हुए उपचुनाव में उन्होंने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को बड़े अंतर से हराया था।