पवन सिंह बीजेपी से आउट, बिहार के काराकाट से लड़ रहे हैं चुनाव

पवन सिंह बिहार के काराकाट लोकसभा से एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-05-22 07:33 GMT

Pawan Singh News: अगर आप बिहार,यूपी के रहने वाले हैं तो पवन सिंह कौन हैं उनके बारे में बताने की ज्यादा जरूरत नहीं है. लेकिन आप इन दोनों राज्यों से ताल्लुक नहीं रखते हैं तो बता दें कि ये भोजपुरी के सुपरहिट सिंगर है, सिल्वर स्क्रीन पर अभिनय भी करते हैं. जैसे फिल्मी जगत से जुड़े लोग राजनीति की पिच पर भी बैटिंग बोलिंग करते हैं. ठीक वैसे ही पवन सिंह भी राजनीति के मैदान में कूद पड़े. राजनीति में आने से पहले वो बीजेपी का प्रशंसा करते थे तो इशारा भी साफ था कि वो भगवा दल का दामन थामेंगे. उन्होंने ऐसा किया भी. लेकिन अब बीजेपी ने उन्हें खुद बाहर का रास्ता दिखा दिया है. आखिर इसके पीछे की वजह क्या है उसे समझने की जरूरत है.

पवन सिंह को आसनसोल से मिला था टिकट

आम चुनाव 2024 में जब बीजेपी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर रही थी. उस वक्त पवन सिंह को आसनसोल से बीजेपी का उम्मीदवार बनाया गया. पवन सिंह उम्मीदवार बन चुके थे. लेकिन कहते हैं ना कि अतीत पीछा नहीं छोड़ता. टीएमसी ने पवन सिंह के कुछ गानों का जिक्र करते हुए कहा कि ये वही शख्स हैं जिनको महिलाओं के सम्मान से लेना देना नहीं है. आसनसोल में पवन सिंह का विरोध भी हुआ और उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. हालांकि कुछ लोग कहते हैं कि आसनसोल की जगह पवन सिंह बिहार से चुनाव लड़ना चाहते थे. बता दें कि पवन सिंह ने बिहार के काराकाट संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. अब इसके पीछे की वजह भी समझिए.

बिहार के काराकाट से निर्दल उम्मीदवार

बिहार को लेकर एनडीए के घटक दलों में बातचीत चल रही थी. समझौते के तहत यह सीट आरएलएसपी के खाते में गई और उपेंद्र कुशवाहा किस्मत आजमा रहे हैं. जब पवन सिंह को यह सीट नहीं मिली तो उन्होंने ऐलान किया कि उनकी मां ने चुनाव लड़ने की आज्ञा दी है और उसे वो ठुकरा नहीं सकते. इशारा साफ था कि पवन सिंह बागी रुख अपना चुके हैं. इन सबके बीच बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि पवन सिंह उनके छोटे भाई की तरह हैं और उन्हें समझा लेंगे. लेकिन बात नहीं बनी.  पवन सिंह चुनावी मैदान में खुलकर प्रचार करने लगे. स्थानीय लोग कहते हैं कि काराकाट राजपुत बहुल क्षेत्र है और पवन सिंह का नाता भी इसी समाज से है. पवन सिंह भले ही चुनाव ना जीत सकें लेकिन वो एनडीए का खेल खराब कर रहे हैं. एनडीए की तरफ से घटक दल की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं और वो शिकायत भी करते रहे हैं कि पवन सिंह की वजह से उन्हें नुकसान हो रहा है. 
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