‘जीरो टॉलरेंस फॉर टेररिज्म’, दिल्ली लाल किला धमाके के बाद जयशंकर का कड़ा संदेश

SCO Summit Moscow: जयशंकर ने कहा कि SCO की स्थापना ही आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसे तीन खतरों से निपटने के लिए हुई थी और समय के साथ ये खतरे और गंभीर हो गए हैं।

Update: 2025-11-18 12:47 GMT
Click the Play button to listen to article

Delhi Red Fort blast: दिल्ली के लाल किले के पास हुए बड़े धमाके में 12 लोगों की मौत के एक सप्ताह बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को दोहराया कि भारत का रवैया 'आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस' का है और इसके लिए किसी भी तरह का बहाना या वाइटवॉश स्वीकार नहीं किया जा सकता।

मॉस्को में आयोजित SCO हेड्स ऑफ गवर्नमेंट समिट को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह ज़रूरी है कि दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति शून्य सहनशीलता अपनाए। कोई भी तर्क, कोई भी अनदेखी और कोई भी वाइटवॉश स्वीकार्य नहीं है। भारत ने यह दिखाया है कि हमें अपने लोगों की सुरक्षा का अधिकार है और हम इस अधिकार का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि SCO की स्थापना ही आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसे तीन खतरों से निपटने के लिए हुई थी और समय के साथ ये खतरे और गंभीर हो गए हैं।

एक आरोपी की 10 दिन की NIA कस्टडी

10 नवंबर को हुंडई i20 कार में विस्फोट लाल किले के बाहर हुआ था। वाहन चालक और मुख्य आरोपी उमर उन नबी फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करता था। मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने नबी के सहयोगी और सह-साज़िशकर्ता जासिर बिलाल वानी को 10 दिन की NIA कस्टडी में भेज दिया। NIA ने उसे सोमवार को गिरफ्तार किया था।

SCO समिट में आर्थिक एजेंडा

आर्थिक मुद्दों पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि वैश्विक वित्तीय माहौल आज बेहद अनिश्चित और अस्थिर है, जहां आपूर्ति पक्ष के जोखिमों को मांग पक्ष का दबाव और बढ़ा रहा है। ऐसे माहौल में, देशों के लिए आवश्यक है कि वे अपनी आर्थिक साझेदारियों को विविध और डी-रिस्क करें। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है, जब देशों के बीच “सबसे व्यापक आर्थिक संबंध” स्थापित हों। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत कई क्षेत्रीय देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स पर बातचीत कर रहा है, ताकि मजबूत और विविध आर्थिक साझेदारियां बनाई जा सकें।

सांस्कृतिक साझेदारी पर जोर

सांस्कृतिक सहयोग की बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत और SCO देशों के बीच गहरी ऐतिहासिक व सभ्यतागत कड़ियां हैं, जो लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ाती हैं। इसी विरासत को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तियानजिन SCO समिट में ‘SCO सिविलाइजेशनल डायलॉग फोरम’ शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। यह मंच साझा इतिहास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है।

रूस-भारत उच्चस्तरीय बैठकें

सोमवार को जयशंकर ने मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। वहीं, नई दिल्ली में रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक की। दोनों देशों के बीच ये वार्ताएं इस पृष्ठभूमि में हुई हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4–5 दिसंबर को भारत की यात्रा पर आने वाले हैं।

Tags:    

Similar News