जानें कौन है चिन्मय प्रभु, जिनकी गिरफ्तारी से बांग्लादेश से लेकर भारत तक मचा गया बवाल!

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी चटगांव में प्रसिद्ध वैष्णव मठ पुंडरीक धाम के प्रमुख हैं. वह बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता भी हैं.

Update: 2024-11-26 05:26 GMT

Chinmoy Krishna Das arrested: बांग्लादेश में एक प्रमुख हिंदू पुजारी और अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के नेता चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार शाम (25 नवंबर) को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशलन एयरपोर्ट पर मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा ने गिरफ्तार कर लिया.

ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, डिटेक्टिव ब्रांच के अतिरिक्त आयुक्त रेजाउल करीम मलिक ने दास की हिरासत की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक शिकायत से संबंधित अनुरोध पर आधारित था. हालांकि, उन्होंने शिकायत का विवरण नहीं बताया. गिरफ्तारी के बाद ढाका और चटगांव में हिंदू पुजारी की रिहाई की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए.

हमलों के मुखर आलोचक

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी चटगांव में प्रसिद्ध वैष्णव मठ पुंडरीक धाम के प्रमुख हैं. वह बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता भी हैं. शेख हसीना सरकार के पतन के बाद वे बांग्लादेश में हिंदू अधिकारों की वकालत करने में सबसे आगे रहे हैं और बांग्लादेश में लक्षित घृणा हमलों और धार्मिक भेदभाव के मुखर आलोचक रहे हैं. उन्होंने देश में कई रैलियाँ आयोजित की थीं, जिसमें कथित “साथी भक्तों के खिलाफ अत्याचार” की निंदा की गई थी.

इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और ढाका में भारतीय उच्चायोग को टैग करते हुए लिखा कि मुझे अभी-अभी चौंकाने वाली खबर मिली है कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, एक हिंदू पुजारी और इस कठिन समय में बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों का चेहरा और नेता को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है.

पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता सुवेन्दु अधिकारी ने भी चिन्मय दास की हिरासत के बारे में एक्स पर पोस्ट किया कि प्रसिद्ध उग्र हिंदू नेता श्री चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को बांग्लादेश के ढाका हवाई अड्डे पर जासूसी शाखा द्वारा अपहरण कर लिया गया है. वह बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों के अस्तित्व और सम्मान की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं. बांग्लादेशी सनातनी समुदाय को डर है कि मोहम्मद यूनुस की 'कट्टरपंथी' सरकार किसी भी स्तर तक गिर सकती है. यहां तक कि अपने अधिकार के लिए 'कथित खतरों' को भी खत्म कर सकती है. मैं @DrSJaishankar जी से अनुरोध करता हूं कि कृपया मामले पर ध्यान दें और तत्काल कदम उठाएं. बांग्लादेश सरकार ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है.

बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी करीब 8 प्रतिशत है और चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी अपने समुदाय पर हमलों का सामना करते रहे हैं. उनको लोग चिन्मय प्रभु नाम से भी जानते हैं. बता दें कि बांग्लादेश में इस्कॉन के 77 से अधिक मंदिर हैं और लगभग 50,000 से ज्यादा लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं. बता दें कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय लंबे समय से धार्मिक भेदभाव और हिंसा का शिकार हो रहा है. वहीं, चिन्मय प्रभु इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने हमेशा हिंदू धर्म के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाई है.

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