बेल्जियम की अदालत ने मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया
चोकसी को 11 अप्रैल को एंटवर्प पुलिस ने भारत की सीबीआई के प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर गिरफ्तार किया था, और वह पिछले चार महीने से वहीं जेल में बंद है।
एंटवर्प की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया है और भारत के अनुरोध पर बेल्जियम अधिकारियों द्वारा की गई उसकी गिरफ्तारी को वैध ठहराया है। यह फैसला भारत सरकार के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि इससे उसे चोकसी को भारत लाने के एक कदम और करीब पहुंचा दिया है, ऐसा मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया।
हालांकि, एक अधिकारी ने बताया कि चोकसी के पास अब भी ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प है, जिसका मतलब है कि उसकी तुरंत वापसी संभव नहीं है, लेकिन “प्रक्रिया का पहला और बेहद अहम चरण पार हो गया है।”
अदालत ने शुक्रवार को दोनों पक्षों — भारत की ओर से बेल्जियम के अभियोजक और चोकसी के वकीलों — की दलीलें सुनीं और फैसला दिया कि उसकी गिरफ्तारी और भारत का प्रत्यर्पण अनुरोध वैध है।
65 वर्षीय चोकसी को 11 अप्रैल को सीबीआई द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर एंटवर्प पुलिस ने गिरफ्तार किया था और तब से वह बेल्जियम की जेल में बंद है। बेल्जियम की विभिन्न अदालतों से जमानत पाने के उसके कई प्रयास असफल रहे हैं।
भारत ने उसका प्रत्यर्पण भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 201 (सबूत नष्ट करना), 409 (आपाराधिक न्यासभंग), 420 (धोखाधड़ी), 477A (हिसाब-किताब में हेराफेरी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 (रिश्वतखोरी) के तहत मांगा था। ये सभी अपराध बेल्जियम में भी “दोहरी अपराधिता (dual criminality)” सिद्धांत के अंतर्गत अपराध माने जाते हैं।
इसके अलावा भारत ने संयुक्त राष्ट्र के ट्रांसनेशनल ऑर्गनाइज्ड क्राइम (UNTOC) और संयुक्त राष्ट्र के भ्रष्टाचार विरोधी सम्मेलन (UNCAC) का भी हवाला दिया था।
प्रत्यर्पण की सुनवाई के दौरान, जिसमें सीबीआई की टीम कम से कम तीन बार बेल्जियम गई और एक निजी यूरोपीय लॉ फर्म को भी नियुक्त किया गया, भारत ने अदालत के सामने चोकसी द्वारा धन की हेराफेरी और धोखाधड़ी के सबूत पेश किए, साथ ही उसके कानूनी प्रक्रिया से भागने के प्रयासों को भी उजागर किया।
भारत सरकार ने बेल्जियम को यह आश्वासन भी दिया कि यदि चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया गया, तो उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जो यूरोपीय ‘कमेटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ टॉर्चर (CPT)’ के मानकों के अनुरूप है। उसे वहां स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त भोजन, चिकित्सकीय सुविधा, समाचारपत्र और टीवी की सुविधा, निजी डॉक्टर से इलाज का विकल्प मिलेगा और उसे एकांत कारावास में नहीं रखा जाएगा।
भारत ने अदालत को यह भी बताया कि चोकसी अब भी भारतीय नागरिक है, और उसका यह दावा कि उसने 14 दिसंबर 2018 को भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी, विवादित है। चोकसी का कहना है कि उसने 16 नवंबर 2017 को एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी।
भारतीय जांच एजेंसियों ने बेल्जियम अभियोजकों को 2018 से 2022 के बीच चोकसी द्वारा कथित तौर पर किए गए छह बैंक घोटालों के दस्तावेजी सबूत दिए हैं, जिनकी कुल राशि लगभग ₹13,000 करोड़ है। अदालत पहले ही इस निष्कर्ष पर पहुंच चुकी है कि चोकसी के बेल्जियम से फरार होने का वास्तविक खतरा मौजूद है।
सीबीआई ने पिछले साल जुलाई में चोकसी का लोकेशन बेल्जियम में ट्रैक किया था, जिसके बाद एजेंसी ने बेल्जियम सरकार को औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा था।