ब्रैम्पटन मंदिर पर हमला: कनाडाई पत्रकार की चेतावनी हालात ‘बदतर होने की संभावना’ है

डैनियल बोर्डमैन ने भी हमले पर कनाडाई पुलिस की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाया और इसे "घृणित" बताया. ये भी कहा कि अभी ट्रूडो के कार्यकाल में एक साल बचा है. भारत और कनाडा के बीच संबंध और ख़राब हो सकते हैं.

Update: 2024-11-04 13:30 GMT

Attack On Hindu Temple In Canada : कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा हिन्दू मंदिर में हमले करने की घटना को लेकर भले ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा की हो लेकिन उन्हीं के देश के एक पत्रकार ने कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए ये चेतावनी जारी की है कि ट्रूडो का कार्यकाल अभो एक वर्ष शेष है, ऐसे में भारत और कनाडा के सम्बन्ध और भी ज्यादा ख़राब हो सकते हैं. इस चेतावनी को जारी करने वाले पत्रकार ने आखिर ऐसा क्यों कहा?


कनाडा के हिन्दू सांसद ने 'X' पर साझा किया विडियो

कनाडाई सांसद चंद्रा आर्या द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो क्लिप में, खालिस्तान के झंडे लिए हुए लोगों को मंदिर परिसर के मुख्य द्वार पर झंडा लिए लोगों पर हमला करते हुए देखा जा सकता है, जबकि लोग भाग रहे हैं. एक महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "वे बहुत हिंसक हैं."


मंदिर पर हमले पर ट्रूडो ने क्या कहा?

ट्रूडो ने हमले की निंदा की और कहा कि यह “अस्वीकार्य” है. सोमवार (4 नवंबर) को एक्स पर बातचीत करते हुए ट्रूडो ने समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए त्वरित प्रतिक्रिया के लिए स्थानीय अधिकारियों को धन्यवाद दिया.
ट्रूडो ने कहा, "ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा अस्वीकार्य है. हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है. समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए पील क्षेत्रीय पुलिस को धन्यवाद."

कनाडाई पत्रकार ने जारी की चेतावनी
हिंदू मंदिर पर हमले के बाद, कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने कहा कि भारत-कनाडा संबंध "और खराब" होने की संभावना है. "यह अच्छा नहीं है... आप जस्टिन ट्रूडो को नहीं जानते, उनके जाने में एक और साल बाकी है, इसलिए खुद को तैयार रखें, यह सबसे अधिक खराब होने वाला है. उम्मीद है कि एक नई सरकार आएगी और इस गिरावट से बाहर निकलेगी. बहुत कुछ अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर निर्भर करता है..." समाचार एजेंसी एएनआई ने बोर्डमैन के हवाले से कहा. उन्होंने हमले पर कनाडाई पुलिस की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे "घृणित" बताया.
उन्होंने कहा, "हालिया हमला भयावह है...इसने नई सीमाएं लांघ दी हैं...यह इस देश में हिंदू भक्तों पर पहला दिनदहाड़े हमला है. पुलिस की प्रतिक्रिया घृणित थी...इसे पूरी तरह से रोका जा सकता था...हम कनाडा में हर समय ऐसा देखते हैं, जहां पुलिस यह तय करती है कि वे उन लोगों पर कानून लागू करेंगे जो इसे सुनने के लिए सबसे अधिक इच्छुक हैं...कनाडाई सरकार का कोई भी हिस्सा, इस मामले में उनका पक्ष नहीं लेता है..."
अपने एक्स अकाउंट पर उन्होंने लिखा, "कनाडा ने एक भयानक मिसाल कायम की है, जो हिंदुओं पर खुला हमला है. अगर आप किसी समस्या की पहचान करने में असमर्थ हैं, तो आप उसे ठीक नहीं कर सकते, और किसी भी राजनीतिक नेता द्वारा "खालिस्तानी चरमपंथी" कहने में असमर्थता परेशान करने वाली है."

भारतीय उच्चायोग की प्रतिक्रिया
ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी सोमवार को एक कड़ा बयान जारी कर ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर पर "भारत विरोधी" तत्वों द्वारा किए गए हमले की निंदा की. इस घटना के कारण हिंदू सभा मंदिर और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक वाणिज्य दूतावासीय कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हुई. इसमें कहा गया है, "हमने आज (3 नवंबर) टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के साथ मिलकर आयोजित वाणिज्य दूतावास शिविर के बाहर भारत विरोधी तत्वों द्वारा की गई हिंसक गड़बड़ी देखी है." इसमें आगे कहा गया है, "हम भारतीय नागरिकों सहित आवेदकों की सुरक्षा के लिए भी बहुत चिंतित हैं, जिनकी मांग पर इस तरह के आयोजन आयोजित किए जाते हैं. भारत विरोधी तत्वों के इन प्रयासों के बावजूद, हमारा वाणिज्य दूतावास भारतीय और कनाडाई आवेदकों को 1000 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम रहा..."


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