शांति के प्रहरी या युद्ध के योद्धा? थाईलैंड-कंबोडिया आमने-सामने

थाईलैंड और कंबोडिया, दो बौद्ध राष्ट्र सीमा विवाद को लेकर हिंसक संघर्ष में उलझे, एयरस्ट्राइक और गोलाबारी में कई सैनिक घायल, नागरिकों की मौतें भी हुईं।;

Update: 2025-07-24 08:16 GMT

Thailand Cambodia War:  दुनिया के अलग अलग हिस्सों में हम सब देशों के बीच संघर्ष के बारे में खबरे पढ़तें,सुनते और देखते है। लेकिन एशिया के दो प्रमुख बौद्ध राष्ट्र थाईलैंड और कंबोडिया जो शांति, सहिष्णुता और भगवान बुद्ध के सिद्धांतों में आस्था रखते हैं, आज एक भीषण सैन्य संघर्ष में उलझ चुके हैं। अहिंसा के रास्ते से भटककर दोनों देश अब युद्धभूमि में आमने-सामने हैं। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि शांति के रास्ते से भटकर ये दोनों देश गोला और बारूद का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

गोलीबारी से एयरस्ट्राइक तक

रिपोर्टों के अनुसार, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर लगातार गोलाबारी हो रही है। हालात तब और बिगड़े जब थाईलैंड की वायुसेना ने एफ-16 फाइटर जेट्स से कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर बमबारी की। थाईलैंड ने दावा किया है कि उसने यह कार्रवाई कंबोडिया की ओर से हुए रॉकेट हमले के जवाब में की।

थाई सेना के अनुसार, इस ऑपरेशन में छह एफ-16 विमानों ने हिस्सा लिया और हमले के बाद सभी विमान सुरक्षित लौट आए। सोशल मीडिया पोस्ट में थाईलैंड की सेना ने कहा कि कंबोडियाई बटालियनों पर बम गिराने के बाद सभी F-16 सुरक्षित लौट आए हैं।

'थाईलैंड कर रहा है शक्ति का दुरुपयोग'

दूसरी ओर, कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय ने थाईलैंड पर अत्यधिक बल प्रयोग का आरोप लगाया और इसे क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा बताया। कंबोडिया का दावा है कि थाईलैंड ने सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों — Ta Muen Thom और Preah Vihear — को निशाना बनाया है।

रॉयटर्स और AFP की रिपोर्ट के अनुसार, थाई वायुसेना की एयरस्ट्राइक में कंबोडिया के कम से कम एक प्रमुख सैन्य ठिकाने को नष्ट किया गया है।

कहां से शुरू हुआ विवाद?

इस सैन्य टकराव की शुरुआत कंबोडिया के Ta Moan Thom क्षेत्र से हुई, जहां कंबोडियाई सेना ने थाई सीमा में स्थित सैन्य ठिकानों पर भारी हथियारों से हमला किया। इसके जवाब में थाईलैंड ने हवाई हमला शुरू किया। बढ़ते संघर्ष के बीच थाईलैंड सरकार ने सीमा से लगे 86 गांवों को खाली करवा लिया है और करीब 40,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। थाईलैंड ने दावा किया है कि संघर्ष में उसके 9 नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि दोनों ओर से कई सैनिक घायल हुए हैं।

सैन्य ताकत की तुलना: थाईलैंड बनाम कंबोडिया

यदि दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं की तुलना करें, तो थाईलैंड कंबोडिया की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली है। ग्लोबल रैंकिंग के मामले में थाइलैंड  25वें और कंबोडिया 95वें नंबर पर है।सक्रिय सैनिकों के मामले में थाइलैंड के पास 3.6 लाख और कंबोडिया के पास  2 लाख की फौज है। थाईलैंड के पास वायुसेना के 493 औक कंबोडिया के पास 25 विमान हैं। मुख्य फाइटर्स जेट की बात करें तो थाईलैंड के पास F-16, Gripen, Alpha जेट्स और कंबोडिया के पास संख्या सीमित है। थाईलैंड के पास टैंक की संख्या 200 से अधिक वहीं कंबोडिया के पास संख्या सीमित है। नौसेना के मामले में 7 फ्रिगेट्स जबकि कंबोडिया के पास शून्य है। थाईलैंड के पास रिजर्व सैनिकों की संख्या दो लाख जबकि कंबोडिया की क्षमता के बारे में जानकारी नहीं है।                                   

थाईलैंड के पास एडवांस हथियार, प्रशिक्षित बल और रणनीतिक सोच का लाभ है। बताया जाता है कि थाई सेना ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान पर किए गए एयरस्ट्राइक की रणनीति की भी विस्तृत स्टडी की है।

बौद्ध देशों के बीच युद्ध विडंबना या चेतावनी?

यह विडंबना ही है कि बुद्ध के अनुयायी देश, जो अहिंसा और करुणा का पाठ पढ़ते हैं, आज गोलियों और बमों के जरिए एक-दूसरे पर कहर बरपा रहे हैं। यह संघर्ष सिर्फ सीमा विवाद नहीं, बल्कि शांति और शक्ति के बीच की लड़ाई बनता जा रहा है।अब दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या कूटनीति और बातचीत इस टकराव को रोक पाएगी, या यह संघर्ष और गहराता चला जाएगा।

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