चीन ने अरुणाचल की भारतीय बेटी का पासपोर्ट ठुकराया, जबरन हिरासत में रखा

चीन के अधिकारियों ने अरुणाचल को चीन का हिस्सा बताकर भारतीय पासपोर्ट को मानने से किया इनकार; महिला ने भारत सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

Update: 2025-11-24 10:16 GMT

China's Controversial Stand : शंघाई के पुडोंग हवाई अड्डे पर चीन के आव्रजन अधिकारियों द्वारा अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को 18 घंटे तक हिरासत में रखा गया और उसके भारतीय पासपोर्ट को ‘अमान्य’ बताया गया। महिला ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने उसके जन्मस्थान को चीन का हिस्सा बताते हुए भारतीय नागरिकता मानने से इनकार कर दिया।


जन्मस्थान को बताया चीनी क्षेत्र

पीमा वांग थोंगडोक नाम की इस भारतीय नागरिक के अनुसार, 21 नवंबर 2025 को वह लंदन से जापान जा रही थीं और तीन घंटे के ट्रांजिट के दौरान उन्हें रोक लिया गया।
उनका कहना है कि पासपोर्ट पर जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश देखकर चीनी अधिकारियों ने इसे अमान्य घोषित कर दिया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है।
वैध जापानी वीज़ा होने के बावजूद उन्हें आगे की उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया और पासपोर्ट जब्त कर लिया गया।


अपमान किया, भूखा रखा, चीनी पासपोर्ट लेने को कहा

थोंगडोक ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर पोस्ट करके बताया कि कई अधिकारियों ने उनका मज़ाक उड़ाया। उन्हें खाने और सुविधाओं से वंचित रखा गया। यहां तक कि चीनी पासपोर्ट के लिए आवेदन करने तक की सलाह दी गई। आधिकारिक जानकारी देने से भी इनकार किया गया। उनके अनुसार, उन्हें टिकट रिबुक करने की अनुमति भी नहीं थी और वे ट्रांजिट क्षेत्र तक सीमित थीं।

भारतीय वाणिज्य दूतावास के दखल के बाद रिहाई

काफी प्रयासों के बाद ब्रिटेन स्थित एक मित्र की मदद से उन्होंने शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया। दूतावास के हस्तक्षेप से उन्हें देर रात पासपोर्ट लौटा और यात्रा जारी रखने की अनुमति मिली।
हालांकि, उन्हें मजबूरन चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस का नया टिकट खरीदना पड़ा, जिससे आर्थिक नुकसान भी हुआ।

भारतीय सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग

थोंगडोक ने इस घटना को भारत की संप्रभुता का सीधा अपमान बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारतीय अधिकारियों से आग्रह किया कि
चीन से जवाबदेही तय की जाए। उनकी क्षति का मुआवज़ा दिलाया जाए। अरुणाचल के भारतीयों के खिलाफ इस तरह के भेदभाव को रोका जाए।
सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से चर्चा में है और चीनी व्यवहार पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।

भारत का स्पष्ट रुख: अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग

भारतीय विदेश मंत्रालय पहले भी चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के प्रयासों को “व्यर्थ और बेतुका” करार दे चुका है।
मंत्रालय ने मई 2025 में भी कहा था कि नाम बदलने से यह वास्तविकता नहीं बदलती कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।


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