चीन की दोमुंही नीति, पहलगाम की निंदा तो पाक को बताया फौलादी दोस्त
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कथित तौर पर पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के साथ टेलीफोन पर बातचीत में इस्लामाबाद के प्रति अपने देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।;
शनिवार (10 मई) को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौते के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन कर दिया। इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच पाकिस्तान के रणनीतिक साझेदार चीन ने दो टूक कहा है कि बीजिंग इस्लामाबाद के साथ उसकी "संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा" में पूरी मजबूती से खड़ा रहेगा।
PTI के अनुसार, यह टिप्पणी चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान की। यह जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी बयान में दी गई। इससे पहले भारत के एनएसए अजित डोभाल से बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी।
चीन ने फिर जताया पाकिस्तान को समर्थन
बातचीत के दौरान डार ने वांग यी को क्षेत्रीय स्थिति की जानकारी दी। वांग यी ने पाकिस्तान की संयमित और जिम्मेदार प्रतिक्रिया की सराहना की।
“उन्होंने दोहराया कि चीन, जो पाकिस्तान का ‘हर मौसम में साथ देने वाला रणनीतिक सहयोगी’ और ‘फौलादी मित्र’ है, वह पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता की रक्षा में दृढ़ता से उसके साथ खड़ा रहेगा,” पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा।
UAE और तुर्की से भी संपर्क
चीन के अलावा, डार ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद से भी बातचीत की। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के युद्धविराम समझौते का स्वागत किया।डार ने तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान से भी बात की और उन्हें क्षेत्र की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।
युद्धविराम तोड़ने पर भारत की प्रतिक्रिया
इन घटनाओं के बीच पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम तोड़ने की खबर सामने आई। यह तब हुआ जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी।शनिवार रात लगभग मध्यरात्रि के करीब, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक मीडिया ब्रीफिंग में पाकिस्तान से कहा कि वह इन उल्लंघनों को गंभीरता से ले और “उचित कदम उठाकर” स्थिति को संभाले।
यह बयान उस घोषणा के लगभग 5 घंटे बाद आया, जब भारत ने बताया था कि दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMOs) ने जमीन, हवा और समुद्र पर सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति जताई है।
अमेरिका ने की थी मध्यस्थता
इस युद्धविराम समझौते की पहली जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर साझा की थी। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों पक्ष इस समझौते तक पहुंचे।देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान ने समझौते का उल्लंघन किया है और भारतीय सशस्त्र बलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी दोहराव की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाए।
भारत-पाकिस्तान के बीच बनी युद्धविराम की नाजुक सहमति पर पाकिस्तान की चालबाज़ी से संकट और गहराता दिख रहा है। वहीं, चीन की यह घोषणा कि वह पाकिस्तान के साथ "फौलादी दोस्त" की तरह खड़ा रहेगा, क्षेत्रीय समीकरणों को और जटिल बना सकती है।