युद्ध की भाषा नहीं चलेगी: चीन ने ठुकराया ट्रम्प का नाटो टैरिफ प्लान

वांग यी ने चीन पर ट्रम्प के नाटो टैरिफ प्रस्ताव को खारिज कर दिया, युद्ध की बजाय बातचीत, संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों और शांति पर ज़ोर दिया;

Update: 2025-09-14 07:49 GMT

China USA Tariff : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर नाटो (NATO) देशों से 50 से 100 प्रतिशत तक शुल्क (टैरिफ) लगाने के प्रस्ताव पर बीजिंग ने कड़ा विरोध जताया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन न तो युद्ध में शामिल होता है और न ही उसकी योजना बनाता है, बल्कि वह शांति वार्ता को बढ़ावा देता है और संवाद के जरिए विवादों के राजनीतिक समाधान का समर्थन करता है।

ल्यूब्लियाना में यूरोपीय नेताओं से मुलाकात के बाद बयान

शनिवार (14 सितंबर) को स्लोवेनिया की राजधानी ल्यूब्लियाना में उप प्रधानमंत्री और विदेश व यूरोपीय मामलों की मंत्री तान्या फायोन से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में वांग यी ने यह प्रतिक्रिया दी। वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी हैं।

वांग ने कहा कि इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बहुपक्षवाद (Multilateralism) को बढ़ावा देना और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों व सिद्धांतों की रक्षा करना है।

चीन की नीति: युद्ध नहीं, शांति

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार वांग ने कहा –
“चीन एक जिम्मेदार महाशक्ति है और शांति व सुरक्षा के मामलों में उसका रिकॉर्ड सबसे बेहतर है। युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं करता और प्रतिबंध (सैंक्शन) उन्हें और जटिल बना देते हैं। चीन का काम युद्ध करना नहीं, बल्कि शांति वार्ता को प्रोत्साहित करना और संवाद से हॉटस्पॉट मुद्दों का राजनीतिक समाधान निकालना है।”

हालाँकि, वांग ने अपने बयान में सीधे तौर पर ट्रंप या अमेरिका का नाम नहीं लिया।

‘चीन और यूरोप को प्रतिद्वंद्वी नहीं, मित्र होना चाहिए’

वांग ने आगे कहा कि चीन की नीयत पारदर्शी और ईमानदार है। चीन न तो किसी को बदलना चाहता है और न ही किसी का स्थान लेना चाहता है। उसका उद्देश्य सभी जिम्मेदार देशों के साथ मिलकर वैश्विक शासन (Global Governance) में सुधार करना, उसे नए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालना और मानव विकास व प्रगति को बढ़ावा देना है।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वर्तमान वैश्विक स्थिति “अव्यवस्था और संघर्षों से भरी हुई” है। ऐसे समय में चीन और यूरोप को सहयोगी बनना चाहिए, टकराव से बचना चाहिए और सही निर्णय लेकर इतिहास और जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

वांग ने यह भी कहा कि चीन स्लोवेनिया समेत यूरोपीय देशों के साथ काम करने का इच्छुक है ताकि वैश्विक स्थिरता बढ़े और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।

ट्रंप का चीन पर आरोप और नाटो से अपील

इसी बीच, ट्रंप ने हाल ही में प्रस्ताव रखा था कि नाटो सदस्य देशों को चीन पर 50 से 100 प्रतिशत तक शुल्क लगाना चाहिए। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा –
“मेरा मानना है कि अगर नाटो, समूह के तौर पर, चीन पर 50 से 100 प्रतिशत टैरिफ लगाए और इसे रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होने के बाद वापस लिया जाए, तो यह इस ‘घातक लेकिन बेतुके’ युद्ध को खत्म करने में बड़ी मदद करेगा।”

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि चीन रूस पर “कड़ा नियंत्रण और पकड़” रखता है और ये शक्तिशाली टैरिफ उस पकड़ को तोड़ देंगे।

चीन पर साजिश का आरोप

इससे पहले भी ट्रंप ने चीन पर अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। यह आरोप 3 सितंबर को चीन की भव्य सैन्य परेड के बाद लगाया गया था, जिसमें उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हुए थे।


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