शी जिनपिंग की गैर-हाजिरी से फिर लगने लगीं अटकलें, उत्तराधिकारी को लेकर चर्चायें तेज

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले कुछ दिनों से रहस्यमयी तरीकों से गायब हैं। ऐसे में उनके उत्तराधिकारी को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है।;

Update: 2025-07-05 12:25 GMT
शी जिनपिंग ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा नहीं लेंगे

पिछले दो हफ्तों से चीन के ताक़तवर राष्ट्रपति शी जिनपिंग सार्वजनिक रूप से कहीं नजर नहीं आए हैं, जिससे उनके लापता होने की अटकलें तेज हो गई हैं। इस अचानक हुई गैरमौजूदगी ने चीन में सत्ता परिवर्तन की चर्चाओं को जन्म दे दिया है। इन अटकलों को तब और बल मिला जब यह खबर सामने आई कि शी जिनपिंग ब्राजील में होने वाले आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे, जो कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार होगा।

अब यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि अगर शी जिनपिंग का युग समाप्त होता है, तो उनकी जगह कौन ले सकता है। हालांकि कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी नहीं दिख रहा, लेकिन जनरल झांग यूक्सिया को एक मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। वह चीन की प्रभावशाली संस्था सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के पहले उपाध्यक्ष और एक प्रमुख सैन्य चेहरा हैं। इसलिए, संभावित उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें मिलने वाला समर्थन बेहद अहम माना जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के सूत्रों के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के करीबी वरिष्ठ पार्टी नेताओं का समर्थन जनरल झांग को मिल रहा है, जिससे उनकी स्थिति और अधिक मजबूत हो रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि शी जिनपिंग की अनुपस्थिति में जनरल झांग पार्टी और सेना में अपना प्रभाव तेजी से बढ़ा रहे हैं।

उनके अलावा शी जिनपिंग के लंबे समय से सहयोगी रहे ली कियांग का नाम भी लिया जा रहा है जिन्हें  2023 में चीन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। स्टेट काउंसिल के प्रमुख के रूप में वे चीन की आर्थिक नीतियों की निगरानी करते हैं और सरकार में शी जिनपिंग के बाद दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माने जाते हैं।

डिंग, शी जिनपिंग के सबसे करीबी और भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं। वे अतीत में शी के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं और पार्टी के अंदरूनी मामलों में तेजी से ऊपर चढ़े, भले ही उन्होंने कभी किसी प्रांतीय प्रशासन का नेतृत्व न किया हो। 

वर्तमान में चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (CPPCC) के अध्यक्ष वांग हुनिंग पार्टी के मुख्य सिद्धांतकार माने जाते हैं। उन्होंने तीन राष्ट्रपतियों के साथ काम किया है और विचारधारा तथा रणनीति पर उनका गहरा प्रभाव रहा है। हालांकि, उनके पास प्रशासनिक अनुभव की कमी है, इसलिए उन्हें ‘किंगमेकर’ की भूमिका में देखा जा रहा है, बजाय खुद ‘किंग’ बनने के।

झाओ लेजी का नाम भी चर्चा में है। पूर्व भ्रष्टाचार विरोधी प्रमुख झाओ लेजी, पोलितब्यूरो की स्थायी समिति के वरिष्ठ सदस्य हैं और वर्तमान में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) के चेयरमैन हैं। उनका प्रशासनिक अनुभव और पार्टी के ऊपरी स्तर पर स्थायी उपस्थिति उन्हें संभावित उत्तराधिकारियों में प्रमुख बनाती है।

ली होंगजोंग, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और NPC के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने पार्टी के क्षेत्रीय पदों से ऊपर तक का सफर तय किया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर वे भले ही बहुत सक्रिय न दिखें, लेकिन पार्टी ढांचे के भीतर उनका प्रभाव और शी जिनपिंग के प्रति उनकी निष्ठा उन्हें एक गंभीर और प्रभावशाली दावेदार बनाती है।

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