अमेरिका की यूक्रेन से खनिज डील; नफा या नुकसान, यहां जानें

Ukraine mineral reserves: इस समझौते के तहत यूक्रेन अपने प्राकृतिक संसाधन राजस्व का 50% एक फंड में आवंटित करेगा. जिसका उद्देश्य देश में निवेश को बढ़ावा देना है.;

Update: 2025-02-27 18:24 GMT

US Ukraine Minerals Deal: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते को अंतिम रूप देने के करीब हैं. इसके तहत अमेरिका को यूक्रेन के विशाल प्राकृतिक संसाधनों तक विशेष पहुंच मिल सकेगी. हालांकि, इन संसाधनों का वास्तविक मूल्य अभी भी अनिश्चित है. क्योंकि उनके बारे में किए गए अनुमान पुराने सोवियत संघ के दौरान हुए सर्वे पर आधारित हैं. ऐसे में इन खनिजों की सही लागत के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.

समझौते की शर्त और यूक्रेन का निवेश मॉडल

यूक्रेनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस समझौते के तहत यूक्रेन अपने प्राकृतिक संसाधन राजस्व का 50% एक फंड में आवंटित करेगा. जिसका उद्देश्य देश में निवेश को बढ़ावा देना है. खास बात यह है कि इस सौदे में कोई अमेरिकी सुरक्षा गारंटी नहीं दी गई है. हालांकि, कागज पर यह सौदा अमेरिका के लिए लाभकारी दिखता है. क्योंकि यूक्रेन के पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, देश के खनिज भंडारों में दुनिया के महत्वपूर्ण कच्चे माल का लगभग 5% मौजूद है.

यूक्रेन के खनिज संसाधन और अहमियत

इन खनिजों में प्रमुख रूप से ग्रेफाइट, लिथियम, टाइटेनियम, बेरिलियम और यूरेनियम जैसे पदार्थ शामिल हैं. जो बैटरियों, रडार सिस्टम और बख्तरबंद वाहनों के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं. ये खनिज रक्षा और तकनीकी उद्योगों के लिए जरूरी हैं. अमेरिका अगर इन संसाधनों तक पहुंच प्राप्त करता है तो यह चीन पर अपनी निर्भरता कम कर सकता है. हालांकि, यूक्रेन के खनिज भंडारों का असली आकार अभी भी अस्पष्ट है. क्योंकि देश के 20,000 सर्वेक्षणित खनिज भंडारों में से केवल 8,000 ही व्यावसायिक रूप से उपयोगी माने जाते हैं.

निवेश और तकनीकी चुनौती

इन खनिजों के व्यावसायिक उपयोग के लिए भारी निवेश की आवश्यकता होगी. विशेष रूप से 10 प्रमुख खनन क्षेत्रों के विकास का अनुमानित खर्च $15 बिलियन है. इसमें खदानों और प्रसंस्करण सुविधाओं का निर्माण शामिल है. इसके अलावा खनिजों का निष्कर्षण महंगा और समय consuming हो सकता है. उदाहरण के लिए यूक्रेनी भूगर्भीय सर्वेक्षण का कहना है कि नोवोपोलतास्वके खनिज क्षेत्र का विकास करने के लिए $300 मिलियन का निवेश जरूरी है.

चीनी प्रभुत्व और अमेरिकी रणनीतिक चुनौती

वर्तमान में चीन दुर्लभ पृथ्वी संसाधनों की आपूर्ति में प्रमुख भूमिका निभाता है और दुनिया के लगभग 90% दुर्लभ संसाधनों का प्रसंस्करण करता है. जबकि अमेरिका और अन्य प्रमुख उत्पादकों के पास इन खनिजों को परिष्कृत करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा और विशेषज्ञता की कमी है, जिससे वे बीजिंग पर निर्भर रहते हैं. यूक्रेन में इस बुनियादी ढांचे का विकास कई सालों में हो सकता है और यह चीन में इन खनिजों को प्रसंस्करण के लिए भेजने से कम प्रभावी हो सकता है.

रूसी कब्जे और समझौते की जटिलता

यह सौदा और जटिल हो जाता है. क्योंकि कई प्रमुख खनिज भंडार रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में स्थित हैं. यूक्रेनी उप प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेंको के अनुसार, रूस ने यूक्रेन के $350 बिलियन मूल्य के खनिज और गैस भंडारों पर कब्जा कर लिया है. अब ट्रंप को यह निर्णय लेना होगा कि वह यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करने में मदद करें या फिर रूस के साथ एक वैकल्पिक सौदा करें.

लाभ की संभावना

एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार, यूक्रेन के दुर्लभ पृथ्वी तत्वों का निष्कर्षण तकनीकी चुनौतियों और उच्च लागतों के कारण लाभकारी नहीं हो सकता है. इसलिए, इस समझौते का वास्तविक आर्थिक प्रभाव तभी स्पष्ट होगा. जब इन खनिजों के विकास के लिए आवश्यक तकनीकी और निवेश सम्बन्धी समस्याएं हल हो जाएं.

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