न्यूक्लियर डील पर दस्तखत नहीं तो गिरा देंगे बम, ईरान को ट्रंप की खुली धमकी

क्या जंग का एक और मोर्चा खुलने वाला है। दरअसल ईरान ने अमेरिका को स्पष्ट लहजे में संदेशा दे दिया है कि वो परमाणु डील को नहीं मानेगा। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने बमबारी की धमकी दी है।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-03-31 01:47 GMT

ईरान ने अमेरिका के नए परमाणु समझौते के प्रस्ताव को सीधे तौर पर खारिज कर दिया है। राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम पर सीधी बातचीत करने से इनकार कर दिया है। ईरान ने दबाव में वार्ता करने में कोई रुचि नहीं दिखाई, जबकि अमेरिका ने सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस मुद्दे पर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है।

क्या है मामला?

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को पत्र लिखकर नए परमाणु समझौते का प्रस्ताव दिया था और चेतावनी दी थी कि यदि ईरान सहमत नहीं होता तो उस पर सैन्य कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही, अमेरिका ने ईरान पर टैरिफ लगाने की भी बात कही थी।

ईरान का जवाब

ईरान ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह अस्वीकार कर दिया। राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कैबिनेट बैठक में स्पष्ट किया कि तेहरान केवल अप्रत्यक्ष वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन अमेरिका से सीधे संवाद की कोई संभावना नहीं है।

बैकग्राउंड: 2015 का परमाणु समझौता

2015 में अमेरिका, ईरान, यूके, फ्रांस, जर्मनी, चीन और रूस के बीच संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) समझौता हुआ था। इसके तहत ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी, जिसके बदले अमेरिका और अन्य देशों ने उस पर लगे प्रतिबंधों में ढील दी थी।

हालांकि, 2018 में ट्रंप प्रशासन ने इस समझौते से खुद को अलग कर लिया और ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए। इसके जवाब में, ईरान ने अपना परमाणु कार्यक्रम फिर से तेज कर दिया और अब वह 2015 में तय सीमा से अधिक मात्रा में यूरेनियम संग्रह कर रहा है। ट्रंप ने इस समझौते की प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने में कारगर नहीं है।

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